पुलिस भर्ती में आवेदन किए जेल में बंद अभ्यर्थी का मेडिकल कराने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती 2018 में आवेदन करने वाले जेल में बंद रहे अभ्यर्थी का मेडिकल सीएमओ द्वारा कराने का आदेश दिया है। पुलिस भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थी के जेल में होने के कारण उसका मेडिकल कराने से इनकार कर दिया था।

Update: 2019-11-08 17:42 GMT
पुलिस भर्ती में आवेदन किए जेल में बंद अभ्यर्थी का मेडिकल कराने का निर्देश

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती 2018 में आवेदन करने वाले जेल में बंद रहे अभ्यर्थी का मेडिकल सीएमओ द्वारा कराने का आदेश दिया है। पुलिस भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थी के जेल में होने के कारण उसका मेडिकल कराने से इनकार कर दिया था। जेल से छूटने के बाद अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मेडिकल कराए जाने की मांग की थी।

याची गौरव कुमार की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची ने 2018 की पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया था। वह फिजिकल टेस्ट और अन्य परीक्षाओं में सफल हुआ।

इस बीच निजी रंजिश में उसके खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज करा दी गई जिसकी वजह से उसे जेल जाना पड़ा। इस दौरान भर्ती बोर्ड ने 12 अप्रैल 19 और 21 अप्रैल 19 को मेडिकल टेस्ट के लिए पत्र भेजा, मगर जेल में होने के कारण याची मेडिकल में शामिल नहीं हो सका।

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जेल से छूटने के बाद वह मेडिकल के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड गया तो उसे इस आधार पर मेडिकल कराने से मना कर दिया गया कि याची जेल गया था। अधिवक्ता का कहना था कि याची फर्जी मुकदमों में फंसाया गया था और अदालत ने उसे बाइज्जत बरी किया है।

जिस तिथि को मेडिकल के लिए पत्र भेजा गया था उस तिथि को उपस्थित होना संभव नहीं था। क्योंकि याची जेल में था। कोर्ट ने दलील स्वीकार करते हुए पुलिस भर्ती बोर्ड से कहा है कि याचिका का सीएमओ से मेडिकल कराया जाए। याचिका निस्तारित कर दी है।

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