अब तीन साल से पहले नहीं बदली जाएगी स्कूलों की यूनिफॉर्म, जानिए और कौन से जारी हुए हैं निर्देश?

Update:2017-04-07 08:56 IST

मेरठ: जिला प्रशासन ने पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ मिल रही शिकायतों पर अपना संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। इसके लिए एडीएम सिटी ने पब्लिक स्कूलों के प्रधानाचार्य, समाजसेवी संस्थाओं और अभिभावकों के साथ बैठक कर बातचीत की। उन्होंने इस दौरान रजिस्ट्रेशन के नाम पर होने वाली अवैध वसूली को बंद करने के कड़े निर्देश दिए हैं।

एडीएम सिटी ने ये दिए निर्देश

-एडीएम सिटी मुकेश चंद्र ने कहा कि पब्लिक स्कूलों में अभिभावकों को बोझ मुक्त किया जाएगा।

-पुरानी किताबों के जरिए ही बच्चों को पढ़ाया जाए।

-उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल बिना अभिभावक की अनुमति के तीन साल से पहले स्कूल यूनिफॉर्म नहीं बदलेगा।

-किसी एक दुकान से यूनिफॉर्म या किताब लेने और प्राइवेट किताबें खरीदने के लिए स्कूल बाध्य ना करें।

-इस संबध में कोई शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।

मांगा पूरा ब्यौरा

-एडीएम सिटी ने सभी स्कूलों से प्री नर्सनरी से कक्षा 12 तक वर्ष 2013—14 से वर्ष 2017—18 तक के लिए पंजीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, कंम्पयूटर शुल्क, स्मार्ट क्लास शुल्क, मेंटीनेंस शुल्क, भवन शुल्क, शिक्षकों व स्टॉफ को दिए गए वेतन और स्कूलों में लगी किताबों का ब्यौरा मांगा है।

-सभी प्रधानाचार्यों को चार दिनों में अपना ब्यौरा देना होगा।

-इस ब्यौरे की जांच के बाद अगली रणनीति तैयार कर दी जाएगी।

-उन्होंने कहा कि पब्लिक स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सख्ती से काम किया जाएगा।

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