चयनित टीचर को दूसरा कालेज आवंटित करने का निर्देश
यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने राजेश कुमार सिंह की याचिका पर दिया है। गणित विषय के लिए चयनित अभ्यर्थी को बदायूं जिले मं राधेलाल इंटर कॉलेज आवंटित किया गया। डीआईओएस ने उसकी नियुक्ति की संस्तुति की लेकिन कॉलेज की प्रबंध समिति ने पद रिक्त न होने की बात कहते हुए ज्वाइन नहीं कराया।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एलटी ग्रेड अध्यापक भर्ती 2011 में चयनित अभ्यर्थी को दूसरा कॉलेज आवंटित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची को आवंटित कॉलेज में पद रिक्त न होने पर उसे उसी रिक्ति या भविष्य में आने वाली रिक्ति के सापेक्ष किसी अन्य कॉलेज में नियुक्ति दी जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने राजेश कुमार सिंह की याचिका पर दिया है। गणित विषय के लिए चयनित अभ्यर्थी को बदायूं जिले मं राधेलाल इंटर कॉलेज आवंटित किया गया। डीआईओएस ने उसकी नियुक्ति की संस्तुति की लेकिन कॉलेज की प्रबंध समिति ने पद रिक्त न होने की बात कहते हुए ज्वाइन नहीं कराया।
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इस पर डीआईओएस ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 1998 की नियमावली के नियम 13(5) के तहत याची को दूसरा कॉलेज आवंटित करने की संस्तुति की। याची की ओर से कहा गया कि कि प्रशांत कुमार कटियार के मामले में हाईकोर्टकी पूर्णपीठ ने स्पष्ट किया है कि चयन बोर्ड को चयनित अभ्यर्थी को उसी रिक्ति के सापेक्ष किसी अन्य कॉलेज में समायोजित करने का अधिकार है।
बहुमंजिली इमारतों में आग की घटनाओं पर रोक के लिए सख्त कानून बनाने की याचिका, कोर्ट ने जवाब तलब किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुमंजिला इमारतों में आग की घटनाएं रोकने के लिए सख्त नियम बनाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू एवं न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने सौरभ कुमार की जनहित याचिका पर अधिवक्ता विशेष राजवंशी को सुनकर दिया है। सुनवाई के दौरान एडवोकेट विशेष राजवंशी ने मेरठ के विक्टोरिया पार्क, मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा, प्रतापगढ़ के होटल गोयल और प्रयागराज के चौक घंटाघर में आग की घटनाओं कौ हवाला देते हुए कहा कि बहुमंजिला इमारतों को एनओसी देने में लापरवाही और सख्त नियम न होने के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं।
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उन्होंने कोर्ट को बताया कि 15 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई के भवनों में निरीक्षण व सीलिंग के नियम सख्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आग की घटनाओं पर लगाम व सुरक्षा की मांग कई वर्षों से की जा रही है लेकिन राज्य इस मामले में चुप्पी साधकर बैठी है।