इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति संगीता श्रीवास्तव, संभाली कई जिम्मेदारियां

हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार निभाती हैं। अपनी जिम्मेदारियों में कभी बेटी, कभी पत्नी, कभी मां, कभी बहू, कभी बहन बनकर परेशानियों को दूर करती हैं। ऐसे में महिलाओं को कुछ स्पेशल अनुभव कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) 8 मार्च को मनाया जाता है।

Update: 2021-03-07 11:03 GMT
देश की पहली महिला कुलपति संगीता श्रीवास्तव, संभाली कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

लखनऊ। एक महिला की भूमिका की बराबरी इस जगत में कोई नहीें कर सकता। जोकि हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार निभाती हैं। अपनी जिम्मेदारियों में कभी बेटी, कभी पत्नी, कभी मां, कभी बहू, कभी बहन बनकर परेशानियों को दूर करती हैं। ऐसे में महिलाओं को कुछ स्पेशल अनुभव कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) 8 मार्च को मनाया जाता है। महिला दिवस की हर साल एक स्पेशल थीम होती है। 2021 के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम- "महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना" रखी गई है।

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महिलाओं और लड़कियों के योगदान

फोटो-सोशल मीडिया

इस बार ये थीम कोरोना काल में सेवाएं देने वाली महिलाओं और लड़कियों के योगदान को याद करते हुए रखा गया है। देश में कई वीरांगनाएं हैं, जिनका नाम इतिहास में उजागर है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इलाहाबाद विवि की पहली महिला कुलपति संगीता श्रीवास्तव के बारे में।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय जिसको सन् 2005 में केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद अब चौथी कुलपति के तौर पर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया। प्रो. संगीता श्रीवास्तव विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति है।

बता दें, इससे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कोई महिला स्थाई कुलपति नहीं रहीं है। इसके साथ ही कुलपति बनने वाली प्रों संगीता विवि की पहली प्रोफेसर भी हैं। वहीं विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद जो तीन स्थाई कुलपति नियुक्त हुए वे तीनों ही बाहर के थे।

फोटो-सोशल मीडिया

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कुलपति बनने वाली पहली प्रोफेसर

इलाहाबाद केंद्रीय विवि बनने के बाद विवि में कुलपति के पद पर प्रो. राजेन हर्षे, प्रो. एके सिंह एवं प्रो. रतनलाल हांगलू नियुुक्त हो चुके हैं। पहले नियुक्त हुए ये तीनों कुलपति दूसरे विश्वविद्यालय एवं संस्थानों से रहे हैं। चौथी नियुक्त हुई प्रो. संगीता श्रीवास्तव इलाहाबाद विवि से कुलपति बनने वाली पहली प्रोफेसर हैं।

प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने सन् 1989 में इलाहाबाद विवि के गृह विज्ञान विभाग में लेक्चरर के रूप में सेवा की शुरुआत की। उस वक्त गृह विज्ञान विभाग बायोकेमेस्ट्री विभाग का हिस्सा था। प्रो. संगीता श्रीवास्तव की लगातार कोशिशों से सन् 2002 में गृह विज्ञान विभाग को नया भवन मिल गया।

इसके बाद सन् 2002 से जून 2019 में वह राज्य विवि की कुलपति नियुक्त होने तक गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष रहीं। उन्हें जून 2019 में प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विवि का कुलपति नियुक्त किया गया था।

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कई बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली

प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने सेंट मैरीज कान्वेंट से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट( शुआट्स) से बीएससी(B.Sc) और जबलपुर विवि से एमएससी(M.Sc) की पढ़ाई की। फिर उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो. पीसी गुप्ता के निर्देशन में पीएचडी की।

इलाहाबाद विवि में प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने अपने 30 साल के कार्यकाल कई बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली। प्रोफेसर जून 2019 में राज्य विवि में नियुक्ति से पहले इविवि प्रवेश समिति की चेयरपर्सन, महिला उत्पीड़न के खिलाफ गठित सी-कैश की अध्यक्ष के साथ एकेडमिक कौंसिल, एग्जीक्यूटिव कौंसिल सहित तमाम कमेटियों की सदस्य रहीं।

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