लखनऊ। इन्वेस्टर्स समिट और दो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करा चुका औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना विभाग इन दिनों पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को पूरा कराने और फरवरी में प्रस्तावित डिफेंस एक्सपो की तैयारियों में जुटा हुआ है। औद्योगिक विकास विभाग में हो रहे इन्हीं सब कामों के बारे में 'अपना भारत' के श्रीधर अग्निहोत्री ने औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना मंत्री सतीश महाना से बात की। पेश है इस बातचीत के प्रमुख अंश।
पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस वे का काम कब तक पूरा हो जाएगा?
देखिए 'रोड्स लीडस प्रासपरिटी'। सड़कें अच्छी होती हैं तो विकास होता है। भाजपा सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि इसे जल्द पूरा किया जाए। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बहुत तेजी से काम हो रहा है। हमारा प्रयास यह है कि इसे निर्धारित समय से छह महीने पहले ही पूरा कर लिया जाए। सीएम के इसी ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने पर विभाग जुटा हुआ है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए भी 80 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। उसके टेंडर बिडिंग का काम भी हो चुका है। गंगा एक्सप्रेस वे, जो मेरठ से प्रयागराज तक जाना है, उसकी एलाइनमेंट की सैद्धान्तिक तौर पर सहमति हो चुकी है।
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मुख्यमंत्री का मानना है कि गंगा एक्सप्रेस वे यूपी की लाइफलाइन बनने जा रहा है?
बिल्कुल सत्य है। हम सड़क के साथ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट भी चाहते हैं। यूपीडा के द्वारा जो एक्सप्रेस वे बनाने की योजना है,उसमें इस बात का भी प्रयास है कि इसमें इंडस्ट्री भी आए। हम सड़क के साथ-साथ ही इंडस्ट्रियल कारिडोर को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। इसी तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में भी हम डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस एक्सप्रेस वे के लिए 3300 एकड़ जमीन अधिग्रहीत होनी है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी कुछ कंपनियां इंडस्ट्रियल डिफेंस कारिडोर में आना चाहती हैं। यूपी का डिंफेस कारिडोर महत्वपूर्ण साबित होगा।
उद्योग के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने का दावा किया जा रहा है। आप क्या कहेंगे?
इंडस्ट्री और रोजगार एक-दूसरे के पूरक हैं। जब इंडस्ट्री आएगी तो इसमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। मैं इस बात को दावे से कह सकता हूं कि जितना काम यूपी में हुआ है, उतना किसी अन्य प्रदेश में नहीं हुआ होगा। जितना बड़ा एक्सप्रेस वे नेटवर्क उत्तर प्रदेश में चल रहा है, उतना किसी अन्य प्रदेश में नहीं। यह प्रगति बहुत कुछ कहती है।
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डिफेंस एक्सपो से यूपी को क्या लाभ मिलेगा?
डिफेंस एक्सपो रक्षा हथियारों और सैन्य साजो सामान के निर्यात की नई दिशा तय करेगा। इसमें देश-दुनिया की नामी कंपनियां, सरकारी प्रतिनिधि और निवेशक शामिल होंगे। यहां राष्ट्रीय पवेलियन के साथ राज्य स्पेसिफिक पवेलियन भी होगा। नेशनल पवेलियन में मेक इन इंडिया पहल के तहत हो रहे कामों को स्थान मिलेगा।
डिफेंस एक्सपोमें क्या होगा और यह कार्यक्रम कितना अलग होगा?
डिफेंस एक्सपो केंद्र सरकार के सहयोग से हो रहा है। इसमें पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के रक्षा क्षेत्रों के निवेशकों के साथ एमएसएमई इकाइयां शामिल होंगी। डिफेंस एक्सपो में कुंभ से भी बेहतर 1000 टेंट सिटी का निर्माण कराया जाएगा। पांच दिवसीय डिफेंस एक्सपो में प्रतिदिन लाइव डेमो किया जाएगा। शुरुआती तीन दिन व्यापारिक दिवस होगा जबकि आखिरी के दो दिन एक्सपो आम पब्लिक के लिए आयोजित होगा।
ट्रांस गंगा योजना को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसे राज्य सरकार की विफलता नहीं माना जाएगा?
पिछली अखिलेश सरकार ने 2014-15 में उन्नाव में एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप डेवलपमेंट करने के लिए ट्रांस गंगा योजना बनाई थी। सपा सरकार ने पूरे प्रदेश में ट्रांस गंगा टाउनशिप को डेवलप करने का एक दिव्य स्वप्न प्रदेश की जनता को दिखाया था जो वह पूरा नहीं कर सकी। अब हमारी सरकार इस दिशा में सकारात्मक पहल कर रही है। इस मामले में किसानों को हम छह प्रतिशत ब्याज समेत उनका पैसा लौटा रहे हैं जबकि पिछली सपा सरकार उनके धन का 25 प्रतिशत काटकर वापस कर रही थी।