लखनऊः मंजिल सैनी ने बुधवार को लखनऊ के एसएसपी का कार्यभार संभाल लिया। पत्रकारों ने उनसे राजधानी में तैनात दारोगाओं और नेताओं से साठ-गांठ और राजनीतिक दखल के बारे में पूछा। मंजिल ने इस पर कहा कि वह खुद इटावा से आई हैं। साफ संदेश उन नेताओं के लिए है, जो पुलिस के काम में टांग अड़ाते हैं।
हालांकि, मंजिल की राह आसान नहीं है। नेताओं से गठजोड़ करने वाले थानेदारों को हटाना और कई बड़ी अनसुलझी घटनाओं का खुलासा उनके लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
क्या कहते हैं जानकार?
-जानकारों के मुताबिक नेताओं से रिश्तों की वजह से कई थानेदार यहां जमे हुए हैं।
-इन थानेदारों को हटाना मंजिल सैनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाली है।
-थानेदारों के नेताओं से गठजोड़ ने ही लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी की है।
-कई केस ऐसे हैं, जिनका वर्कआउट करना भी मंजिल सैनी के लिए चुनौती है।
इन केसों का खुलासा होना बाकी
-सीएम आवास के पास आरएलबी स्टूडेंट की गैंगरेप के बाद हत्या मामले में कोई सफलता नहीं।
-27 फरवरी 2015 को हसनगंज में कैश वैन के तीन गार्डों की हत्या के बाद 50 लाख की लूट।
-22 जून 2015 को सरोजनीनगर में कैश वैन के गार्ड की हत्या, 10 लाख की लूट।
-19 नवंबर 2015 को होटलकर्मी नमन वर्मा की हत्या के मामले का अभी तक खुलासा नहीं।
-4 दिसंबर 2015 को मड़ियांव में दो महिलाओं के कटे पैर और धड़ मिलने का केस।
कई और केस भी अनसुलझे
-5 मार्च 2016 को डॉन मुन्ना बजरंगी के साले और दोस्त की हत्या।
-इसी तारीख को गोमतीनगर में रितेश अवस्थी की दिनदहाड़े हत्या।
-10 जुलाई 2014 को गोसाईगंज में पेड़ से दो शव लटके मिलने का मामला।
खुलासे के इंतजार में डकैती के भी कई मामले
-5 जनवरी 2016 को गोमतीनगर में आईएएस अफसर, पत्नी और नौकरों को बंधक बनाकर वारदात।
-2 मई 2016 को बीकेटी में तीन घरों में डकैत आए, कई को घायल किया।
-13 मई 2016 को पीजीआई थाना इलाके में बुजुर्ग पर जानलेवा हमला और डकैती।
-27 जून 2015 को चिनहट में रिटायर्ड अफसर के घर वारदात।
-11 सितंबर 2015 को जानकीपुरम में दो घरों में डकैती, एक की हत्या।