ब्लैकमेलिंग का आरोपः इटावा पुलिस ने कथित पत्रकार को भेजा जेल
पिछले दो साल से फर्जी खबरों को पेश कर लोगो से ब्लैकमेलिंग करने का हथियार बनाने वाले तताकथित पत्रकार सनत तिवारी को आखिर सिविल लाइन और क्राइम ब्रांच की टीम के हत्थे चढ़कर जेल की सलाखो के पीछे पहुंच गये।
इटावा: पिछले दो साल से फर्जी खबरों को पेश कर लोगो से ब्लैकमेलिंग करने का हथियार बनाने वाले तताकथित पत्रकार सनत तिवारी को आखिर सिविल लाइन और क्राइम ब्रांच की टीम के हत्थे चढ़कर जेल की सलाखो के पीछे पहुंच गये। पिछले दो तीन सालो से कुकरमुत्ते की तरह पैदा हुये इस पत्रकार ने पुलिस बिभाग के अधिकारियों की छवि को धूमिल करने के साथ साथ उनके खिलाफ सोशल मीडिया में पोस्ट लिखकर उन पर दवाब बनाकर ब्लैकमेलिंग का खेल ऐसा खेला कि खेल आज जेल में बदल गया।
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जिले के वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ लिखना उसकी फितरत में शामिल था, लोगो को अपनी इस चालबाज नीति में उलझाकर यह जताने की कोशिश कि जो हूँ केवल में हूँ इस नीति के साथ पूरे जनपद में अधिकारियों और नेताओ के खिलाफ लिखकर यह रात के अंधेरों में अपने गुर्गों के साथ अवैध खनन में बसूली में लिप्त हो गया। पैसे लेकर गाड़ियों को पास करवाना इसकी फितरत बन गयी। चमगादड़ की तरह रात में बीहड़ी क्षेत्र में गुर्गों के साथ घूमकर खनन में लगी गाड़ियों को पास करवाकर कैमरे के सहारे कई थानेदार और सिपाही दबाब में आ गये। पूर्व एसएसपी अशोक त्रिपाठी के खिलाफ अवेध खनन को लेकर उनकी छवि लगातर सोशल मीडिया पर धूमिल कर उनके खिलाफ मोर्चा खोला। खनन के खेल को लिखकर इसने पुलिस विभाग में खलबली करके ब्लैकमेलिंग की जड़े मजबूत कर अपनी पैठ जमा ली।
कुछ सफेद पोश नेताओ के हाथ का साथ लेकर अवैध खनन में लिप्त हो जमकर धन उगाही की, उल्लू टीवी के राजीव तलवार की तर्ज पर चलने वाले सनकी सनत तिवारी ने अपने गुर्गों के साथ खनन का रात के अंधेरे में खेल ऐसा खेला कि पुलिस भी उसके दवाब की ब्लैकमेलिंग की चाल में फँस गयी। जिसके जरिये इस पत्रकार ने लाखों रुपयों के वारे न्यारे कर लिये ,पुलिस अधिकारी, पत्रकार,नेता,विधायक या फिर समाजसेवी हो हर किसी के खिलाफ सोशल मीडिया में छवि को धूमिल कर उनको दबाब में लेकर ब्लैकमेलिंग की बसूली में लिप्त हो गया,तताकथित पत्रकार आज खुद खबरों की खबर बन गया। वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल करना इसकी कमाई का जरिया बन गया।
एसएसपी आकाश तोमर ने लिया एसआई के प्रार्थना पत्र पर संज्ञान
मामला 13 मार्च से जुड़े एक वीडियो का है जिसमें पत्रकार सनत तिवारी द्वारा यह दर्शाया गया कि कुछ पुलिसकर्मी किसी होटल में घुसकर जाँच के नाम पर बसूली कर रहे है। इस पूरे मामले मे एसएसपी ने घटना के सत्यता को परखने के लिये सीओ सिटी को जाँच सौंपी गई। छानबीन करके पता चला कि एसआई सुबोध सहाय और सिपाही किसी मुकदमे में बांछित की तलाश में होटल में छापेमारी करने गये थे। लेकिन अभियुक्त फरार हो गये, होटल के सीसीटीवी फुटेज का डीवीआर चेक किया गया जिसको यह पत्रकार चोरी और लूट की घटना बता रहा था। पुलिस की छवि को धूमिल करने के लिये लगातार सोशल मीडिया पर वायरल मेसेज व एसआई से 50 हजार की ब्लैकमेल करने के लिये सिविल लाइन पर मुकदमा अपराध संख्या 251/2020 धारा 186,179,388,420 भादवि व 03 महामारी अधिनियम 51/57 आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं 74 आईटी एक्ट अभियोग पंजीकृत किया गया।
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समाज कल्याण अधिकारी ने भी ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करवाया
समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह भी मौका देख जलती आग में हाथ तापने सिविल लाइन पहुँचे। उन्होंने तहरीर देकर कहा कि पिछले कई महीने से सनत तिवारी उनसे 3 लाख नकद और हर माह बीस हजार रुपये की ब्लैकमेलिंग की डिमांड करता चला आ रहा है। जिससे परेशान होकर मौके की तलाश में बैठे थे। शिशुपाल सिंह ने यूपी पुलिस सदैव आपकी सेवा में ततपर्य स्लोगन याद किया सीधे सिविल लाइन मुकदमा दर्ज कराने के बाद थाने में लगे सत्यमेव जयते के बोर्ड को निहारते रहे।
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