अधिकारियों की कार्यशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता है: जय प्रताप सिंह

प्रदेश में मदिरा की दुकाने लाइसेंस के प्राविधानों को पूरा नहीं करती हैं, उन दुकानों के लाइसेन्सकर्ता को 15 दिन का समय दिया गया है।

Update: 2019-07-13 16:39 GMT

लखनऊ: प्रदेश में मदिरा की दुकाने लाइसेंस के प्राविधानों को पूरा नहीं करती हैं, उन दुकानों के लाइसेन्सकर्ता को 15 दिन का समय दिया गया है। समयावधि समाप्त होने के उपरान्त लाइसेंस के प्राविधानों को पूरा न करने के परिप्रेक्ष्य में दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

समीक्षा बैठक के दौरान कही ये बातें

यह बातें प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने शनिवार आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि जनपद के विभागीय अधिकारी जनपदों में स्थित सभी कच्ची दुकानों को चिन्हित कर लें और उन्हें दिये गये समयावधि के भीतर पक्का कराना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी की कार्यशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता है। सभी के अन्दर कार्य करने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का वहन करें जिससे कि प्रदेश में कही पर भी अप्रिय घटना न होने पाये।

उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी व कर्मचारी की समस्याओं का निस्तारण अपने स्तर पर शीघ्रता से करना सुनिश्चित करें।

ओवर रेटिंग पर रोक लगाने के सख्त निर्देश

समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने ओवर रेटिंग पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी किसी भी दशा में ओवर रेटिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी अगर ऐसा होता है, तो सम्बंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी एक टीम के रूप में सक्रिय होकर कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप दिये गये लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि कुचेष्टा और बेइमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि डिस्टलरी स्तर की गड़बड़ियों को संज्ञान में लेकर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बैठक के दौरान भूसरेड्डी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रवर्तन कार्य को और कारगर बनाया जाये और अवैध मदिरा के उत्पादन पर पूरी तरह से अंकुश लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये।

आबकारी आयुक्त पी. गुरू प्रसाद ने बैठक में बताया कि माह जून, 2019 में 2122.60 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुई। जबकि गतवर्ष इसी अवधि में 1678.50 करोड़ की प्राप्ति हुई। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष माह जून, 2019 तक 1227.98 करोड़ रुपये अर्थात् 19.63 प्रतिशत राजस्व की वृद्धि हुई।

 

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