Jal Jeevan Mission: जल से है बेहतर कल, जल ज्ञान यात्रा से सीखे नौनिहाल

Jal Jeevan Mission: नौनिहालों ने जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से ग्रामीण परिवारों तक पहुंचाई जा रही शुद्ध पेयजल सप्लाई की परियोजना देखी।

Newstrack :  Network
Update: 2023-12-06 14:19 GMT

Jal Jeevan Mission: महर्षि वामदेव की तपोभूमि कहे जाने वाले बांदा जिले में छात्रों के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास रहा। सरकारी स्कूलों के सैकड़ों छात्रों को नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अनूठी पहल ''जल ज्ञान यात्रा' से जुड़ने का मौका मिला। जल जागरूकता के लिए निकाली गई यात्रा में बच्चों ने जल के जीवन में महत्व और उसकी उपयोगिता समझी। नौनिहालों ने जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से ग्रामीण परिवारों तक पहुंचाई जा रही शुद्ध पेयजल सप्लाई की परियोजना देखी। इस दौरान वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का नजारा स्कूली बच्चों के लिए बेहतरीन अनुभव रहा। जल जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेते हुए छात्रों ने एफटीके किट से पानी की जांच भी देखी। यह पहला मौका था जब बांदा के स्कूली बच्चों को जल जीवन मिशन की 'हर घर जल' योजना को नजदीक से समझने और उसके फायदों के बारे में जानकारी मिली।

'जल ज्ञान यात्रा' का शुभारंभ जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद एवं जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने हरी झंडी दिखाकर जी.आई.सी. ग्राउंड से किया। यात्रा में पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय, ए.डी.एम. नमामि गंगे एम.पी. सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम (ग्रामीण) महेन्द्र राम भी मौजूद रहे। पानी की कीमत समझाने कि लिए निकाली गई यात्रा में बडोखरखुर्द विकास खण्ड की चिन्हित ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 10 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सैकड़ों छात्र शामिल हुए। यहां उन्हें जल जांच की प्रक्रिया दिखाने के साथ ही भूजल उपचार और अन्य संबंधित मुद्दों की जानकारी दी गई। छात्रों को सबसे पहले कमासिन विकास खण्ड के किटहाई स्थित खटान ग्राम समूह पाइप पेयजल परियोजना ले जाया गया और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, जलाशय, पंप हाउस की कार्यप्रणाणी की जानकारी दी गई।


फील्ड टेस्ट किट प्रशिक्षित महिलाओं ने स्कूली बच्चों को जल गुणवत्ता की जांच करके दिखाई। स्कूली बच्चों के लिए जल जागरूकता पर आधारित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर ही किया गया। इसके साथ ही नुक्कड़-नाटक व मैजिक शो के अलावा हैंडवाश से होने वाले बचाव की जानकारी भी बच्चों को दी गई। इस दौरान छात्र- छात्राओं के साथ ही शिक्षकों ने भी विज्ञान एवं तकनीकी माध्यम से शुद्ध पेय जल की आपूर्ति के सभी पहलुओं को बखूबी समझा।




 


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