Jaunpur News: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में हो रही है दलाली, लाभार्थी रहें सावधान
परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लाभार्थियों को दलालों व बिचौलियों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि जिस भी लाभार्थी के आवास का जियोटैग हो गया है, उनका पैसा शीघ्र ही उनके बैंक में पहुँच जायेगा।
Jaunpur News: जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दलालों द्वारा आवास दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर धनोपार्जन का खेल किया जा रहा है। इसकी पुष्टि खुद परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा ने करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लाभार्थियों को दलालों व बिचौलियों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि जिस भी लाभार्थी के आवास का जियोटैग हो गया है, उनका पैसा शीघ्र ही उनके बैंक में पहुँच जायेगा। लाभार्थियों को पैसे के लिए परेशान होने, दलालों के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि स्वीकृत आवासों के नाम पर कुछ दलाल स्वीकृत कराने के लिए लाभार्थियों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड हो रहा है लाभार्थियों का डेटा
बता दें कि परियोजना अधिकारी के अनुसार जियोटैग के पश्चात 1085 लाभार्थियों के प्रथम किस्त, 474 लाभार्थियों के द्वितीय किस्त की धनराशि उनके बैंक खाते में अवमुक्त करने हेतु पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड कराकर सूडा लखनऊ को भेजा जा चुका है। परियोजना अधिकारी डूडा ने बताया कि 30 जून 2021 को पुनः जिलाधिकारी ने जून माह मे हुए जियाटैग के सापेक्ष प्रथम किस्त के 1886, द्वितीय किस्त के 244 तथा तृतीय किस्त के 478 लाभार्थियों का अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। इन लाभार्थियों का डेटा पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड कराया जा रहा है। इनकी भी धनराशि शीघ्र ही इनके खाते में पहुॅच जायेगी।
शिकायत पर होगी कठोर कार्रवाई
खबर है कि जिलाधिकारी का निर्देश है कि यदि कोई आवास के नाम पर दलाली करते हुए पाया जाये तो उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाये। उन्होंने लाभार्थियों को सचेत करते हुए कहा कि यदि कोई दलाल अथवा जेई पैसा मांगता है तो उसकी लिखित शिकायत करें। यदि जाॅच में शिकायत सही पाई गयी तो सम्बन्धित के विरूद्ध तथा शिकायत असत्य पाई गई तो शिकायतकर्ता के विरूद्ध भी कार्रवाई की जायेगी।
परियोजना अधिकारी डूडा जौनपुर ने सभी नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों से भी आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी निकायों में आवास के नाम पर लेन-देन की गतिविधियों पर नजर रखें और लाभार्थियों को अपने स्तर से भी सचेत करते रहे। ताकि कहीं से भी पैसे के लेन-देन की कोई शिकायत न आ सके।