Jaunpur News: आम जन की सेवा से मिलता है सुकून: जिलाधिकारी

कैंसर से पीड़ित अपने पिता और मासूम बच्चों से दूरी बनाकर कोविड काल में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभायी

Written By :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-06-19 13:42 IST

Jaunpur News: कोरोना संक्रमण अब कम हो गया है लोग अपने-अपने कामों पर लग गये हैं। पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संक्रमण के दौरान भी मुस्तैदी से डटे हुए थे और अब भी तीसरी लहर की तैयार में जुटे हुए हैं। आपको बता दें कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ प्रशासन भी लगातार अपना काम ईमानदारी से कर रहा था जब कोराना संक्रमण पीक पर था। दूसरी लहर के दौरान अपना घर बार भूलकर लोग सेवा में लगे हुए थे। आज आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बतातें हैं जिन्होने महामारी के समय सिर्फ जनता की सेवा की। जी हां ये व्यक्ति कोई और नहीं हमारे जिले के डीएम मनीष कुमार वर्मा है। जिन्होने पूरी जिले को अपनी निस्वाथ्र्य सेवा दी।

जनता की सेवा सर्वोपरि

इस विपरीत हालात में कुछ ऐसे भी कर्मयोगी रहे, जो अपनों की चिंता छोड़कर पूरी शिद्दत से कर्तव्य पथ पर डटे रहे। उनके प्रयासों से आज हालात काबू में हैं। जनपद जौनपुर में इसके एक मात्र उदाहरण है जिले के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा हैं। कैंसर से पीड़ित अपने पिता और मासूम बच्चों से दूरी बनाते हुए उन्होंने कोविड काल में शिद्दत के साथ अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाया है। इतना ही नहीं दूसरी लहर को नियंत्रित करने के बाद अब बल्कि तीसरी लहर से निपटने के लिए भी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। श्री वर्मा बतातें है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के दौरान परिवार को सुरक्षित रखने के लिए दूरी बनाना जरूरी हो गया था। उस दौरान पिता की तबीयत खराब होने पर कुछ दबाव आया जरूर लेकिन धैर्य के साथ कर्तव्य पथ पर चलता रहा। आम जन की सेवा से सकून मिला है।

मुश्किल में नहीं हारी हिम्मत

बता दें कि दूसरी लहर से पहले जौनपुर जिले में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता सीमित थी। मंडल में जौनपुर वह जिला था जहां पंचायत चुनाव सबसे पहले थे। ठीक इसी वक्त कोरोना का हमला हो गया मरीज भी तेजी से बढ़े। दोहरी चुनौतियों से जूझते डीएम दिन-रात भाग-दौड़ करते रहे। इस बीच कैंसर से पीड़ित पिता भी संक्रमित हो गए थे। दिन भर गांव-गांव घूमना, संभावित मरीजों के बीच जाना और फिर घर आकर परिवार की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया था। डीएम मनीष कुमार वर्मा से इस संदर्भ में चर्चा पर बताया कि चुनाव के बाद के 15-20 दिन काफी मुश्किल भरे थे। सौ सौ बेड का एक अस्पताल चल रहा था, जिसमें अधिकांश बेड भर चुके थे। चंदौली से आने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई भी नियमित नहीं थी। दिन-रात लोगों के फोन मद्द के लिए आते रहते थे। डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों सहित अधिकारी एवं कर्मचारी ने इस आपदा काल में अपना पूरा योगदान दिया।

तीसर लहर की तैयारी जोरों पर

इतना ही नहीं आमजन का भी भरपूर सहयोग मिला, जिससे काफी राहत मिली। प्रधानमंत्री के टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के मंत्र पर काम करते हुए गांवों में निगरानी, सैंपलिंग, दवा का वितरण कराया गया। इसके बेहतर परिणाम मिले। तीसरी लहर के लिए भी हम काफी हद तक तैयारी कर चुके हैं। पीआईसीयू, एनआईसीयू वार्ड तैयार हो रहा है। जिला अस्पताल समेत प्रमुख सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। संसाधनों की अब कमी नहीं होगी। तीसरी लहर में बीमारी पर कंट्रोल करने में काफी राहत रह सकती है। 

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