Jaunpur News: हत्या के पांच दोषियों को सात साल की कैद

Jaunpur News: स्वतंत्रता दिवस के दिन अनवार अहमद की हत्या के मामले में शुक्रवार को अदालत ने पांच आरोपितों को सात साल कारावास की सजा सुनाई है20 वर्ष पहले दिनदहाड़े दुस्साहसिक तरीके से हुई इस वारदात से पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी।;

Report :  Nilesh Singh
Update:2025-01-24 22:40 IST

 Jaunpur News- Seven years imprisonment to five accused of murder ( Pic- Social- Media)

Jaunpur News: जौनपुर।जिले के नगर पंचायत खेतासराय कस्बा के बरतला मोहल्ले में स्वतंत्रता दिवस के दिन अनवार अहमद की हत्या के मामले में शुक्रवार को अदालत ने पांच आरोपितों को सात साल कारावास की सजा सुनाई है20 वर्ष पहले दिनदहाड़े दुस्साहसिक तरीके से हुई इस वारदात से पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। गैर इरादतन हत्या करने के पांच आरोपितों को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अनिल कुमार यादव की कोर्ट अपना फैसला सुनाया। अदालत ने प्रत्येक आरोपितों पर 35 हजार रुपये अर्थ दंड भी लगाया।नगर पंचायत खेतासराय इलाके के लोग इस बहुचर्चित मामले में आने वाले फैसले पर काफी दिनों से अपनी निगाहें लगाए हुये थे।

घटना के संबंध में वादी नसीम अहमद ने खेतासराय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था। अभियोजन के अनुसार वादी के मोहल्ले से सटे मोहल्ले में मजहरूल इस्लाम आदि रहने वाले हैं। 15 अगस्त 2004 को 9:30 बजे वादी का भाई वसीम अहमद , कलाम अहमद के साथ घर से कार द्वारा दुकान जा रहा था। इतने में मजहरूल इस्लाम, मोहम्मद राशिद, अफसार अहमद, फिरोज अहमद, बबलू व सलाउद्दीन वहां मिले।उन्होंने अभद्र टिप्पणी किया। भाई के विरोध पर आरोपित गालियां देने लगे। वह लोग वसीम को गाड़ी से खींच कर मारने लगे। वह जान बचाकर घर भागा। झगड़े की बात सुनकर पिता अनवर अली घर से निकलकर मजार के पास तक गए थे।

इतने में सभी लोग राड, लाठी, बांस लेकर पिता पर जानलेवा हमला कर कई चोटें पहुंचाए। जिससे वह गिरकर तड़पने लगे। वादी व उसके भाई वसीम, फहीम बीच बचाव किए तो आरोपित उन्हें भी मारे पीटे। इतना ही नहीं उक्त दबंग लोग जाते समय जान से मारने की धमकी दिए।बाद में जिला चिकित्सालय ले जाते समय रास्ते में पिता अनवर अली की मृत्यु हो गई। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया।एडीडीसी संजय श्रीवास्तव व विजय नारायण सिंह ने गवाहों को परीक्षित कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मजहरूल इस्लाम, मोहम्मद राशिद, फिरोज, बबलू व अफसार को सजा सुनाया। आरोपी सलाउद्दीन के अवयस्क होने के कारण उसकी पत्रावली अलग कर दी गई थी।

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