लुप्त हुई कनेरा नदी: हो गई थी जल विहीन, अब फिर होगी पुनर्जीवित
भारत नदियों का देश कहा जाता है, लेकिन मानव के लालची स्वभाव एवं लगातार होते जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे देश की नदिया या तो सूख गयी है या फिर सिर्फ बरसात में ही वह नदियों की तरह अविरल दिखती है।
झांसी: भारत नदियों का देश कहा जाता है, लेकिन मानव के लालची स्वभाव एवं लगातार होते जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे देश की नदिया या तो सूख गयी है या फिर सिर्फ बरसात में ही वह नदियों की तरह अविरल दिखती है। ऐसी ही एक नदी ''कनेरा'' है जो झाँसी जिले के बबीना ब्लॉक के मिलेट्री के चांदमारी वाली पहाडी क्षेत्र निकलती है। यह नदी 10 गांव से होते हुए 19 किलोमीटर की यात्रा कर घुरारी नदी में मिलती है। इस दौरान यह नदी बबीना ब्लॉक के बैदोरा, टूका, सरवां, भडरा, पथरवारा, दयनगर सहित मध्य प्रदेश के तीन अन्य गांव से निकलती है।
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लोग बताते है कि आज से दो दशक पहले इस नदी में साल भर पानी रहता था लेकिन बुन्देलखण्ड में पडे सूखे के कारण यहां के जलभृत सूख गये। जिसके इसका बारहमासी प्रवाह रूक गया। इस नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों की मदद से वर्ष 2018 में परमार्थ समाज सेवी संस्थान के द्वारा इस नदी को पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया गया एवं लगातार श्रमदान, वृक्षारोपण किया गया एवं जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया गया।
सात चैकडेमों का कराया निर्माण
इसी दौरान कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में संस्थान के द्वारा लोगों को तत्कालिक सहायता के लिए काम दिलाने के लिए जिला प्रशासन से इस नदी को पुर्नजीवित करने के लिए जिलाधिकारी आंद्रा वामसी को कार्ययोजना के बारे में बताया कि इस नदी में अभी तक 7 चैकडेमों का निर्माण कराया गया, जिसमें से 4 वर्तमान में टूट गये है। अभी वर्तमान में नदी में सिल्ट सफाई एवं वृक्षारोपण की आवश्यकता है। इस पर जिलाधिकारी झांसी के द्वारा तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट संजीव मोर्या, एपीओ साहिद सिद्दीकी को इस नदी के निरीक्षण के लिए भेजा था जिसमें यह निकलकर आया था कि नदी में बहुत अधिक सिल्ट जमा हो गयी है, जल स्त्रोत बंद हो गये है। जिसपर कार्य करने की आवश्यकता है।
सिल्ट सफाई का कार्य जल्द होगा चालू
इसी कार्य को आगे बढाने के लिए गत दिवस झांसी के मुख्य विकास अधिकारी शैलेश कुमार, सीडीओ झांसी सदर, विकासखण्ड अधिकारी बबीना, डिप्टी कमिश्नर मनरेगा के द्वारा नदी का भ्रमण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नदी को पुर्नजीवित करने के लिए सीमाकंन एवं चिन्हाकंन के कार्य के निर्देश सम्बधित विभागों को दे दिये गये है। मनरेगा के अन्तर्गत सिल्ट सफाई का कार्य जल्द से जल्द चालू किया जायेगा। वही नदी के किनारे पर वृहद वृक्षारोपण के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
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बबीना ब्लॉक जल संकट ग्रस्त ब्लॉक
जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षो से स्थानीय समुदाय इस नदी के पुनर्जीवन के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहा था। अब इस प्रयास को स्थानीय प्रशासन का सहयोग मिला है। बुंदेलखंड में झाँसी का बबीना ब्लॉक जल संकट ग्रस्त ब्लॉक है। इस विकास खंड में भूगर्भीय जल का स्तर बहुत नीचे है। पठारी क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में पेयजल की समस्या हमेशा बनी रहती है। सिचाई के संसाधनों का भी यहां अभाव है। अब प्रशासन के साथ स्थानीय समुदाय मिलकर इस नदी को पुर्नजीवन करने का अनूठा प्रयास है, यह प्रयास पूरे देश में नदी पुर्नजीवन के लिए एक प्रेरणा के रूप में देखा जायेगा।
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