झांसी: परिवार परामर्श केंद्र में रिश्तों को जोड़ने का होता है काम, आते हैं ऐसे मामले

यदि दमप्ति के बीच विवाद या किसी पारिवारिक विवाद की शिकायत थाने पहुंचती है, तो पुलिस एफआईआर दर्ज कराने के बजाय, उसे परिवार परामर्श केंद्र भेजती है।

Update: 2021-01-11 05:27 GMT
झांसी: परिवार परामर्श केंद्र में रिश्तों को जोड़ने का होता है काम, आते हैं ऐसे मामले (PC: social media)

झांसी: कभी पति-पत्नी के बीच के झगड़े, तो कभी एक दूसरे को दी जाने वाली धमकियां, परिवार टूटने का कारण बनती हैं। कई मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें परेशान होने के बाद पति घर छोड़कर भाग जाता है। ऐसे में पत्नी और परिवार की परेशानियां और बढ़ जाती हैं। परिवार परामर्श केंद्र के अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि विवाह के बाद दंपति के जीवन में परिजन का अनावश्यक हस्तक्षेप भी उनके विवाह टूटने का कारण बनता है।

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परामर्श केंद्र की प्रभारी पूनम शर्मा बताती हैं

यदि दमप्ति के बीच विवाद या किसी पारिवारिक विवाद की शिकायत थाने पहुंचती है, तो पुलिस एफआईआर दर्ज कराने के बजाय, उसे परिवार परामर्श केंद्र भेजती है। परामर्श केंद्र की प्रभारी पूनम शर्मा बताती हैं कि कई मामले ऐसे होते हैं, जिनमें पति-पत्नी एक दूसरे का मुंह तक नहीं देखना चाहते। ऐसे में काउंसलिंग शुरु की जाती है। इसमें दोनों के परिवारों को शामिल किया जाता है। कई बार तो दो-तीन काउंसलिंग में ही दोनों समझ जाते हैं और कई बार दर्जनों काउंसलिंग करनी पड़ती है। इनमें मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री व अन्य की भी मदद ली जाती है।

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बिखरते परिवार को जोड़ने का कार्य करता है परामर्श केंद्र

अधिवक्ता ओम शरण कुशवाहा ने बिखरते परिवार को सहेजने के टिप्स देते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी। हालांकि किन्हीं मामलों के चलते परिवार के बीच विवाद की स्थिति में परामर्श केंदेर को सेतु की तरह बताते हुए उन्होंने अब तक केंद्र के कार्यों से संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कोई परिवार जब बिखरने की कगार पर पहुंचता है, तब लगता है कि इनको अब समझाना मुश्किल होगा, लेकिन जब उनके बीच विवाद के कारणों को पता लगा लिया जाता है, तब विवाद सुलझाना बहुत आसान होता है।

उनका मानना है कि पति-पत्नी या पारिवारिक सदस्यों के बीच विवाद का कारण अहम या स्वाभिमान होता है। उनका मानना है कि स्वाभिमान हर व्यक्ति में होना चाहिए, लेकिन अहम को स्थान नहीं मिलना चाहिए। इससे बड़े से बड़े विवाद को पनपने का मौका ही नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि कई बार तो जोड़े तात्कालिक अहम के चलते तुरंत समझौता नहीं करते, लेकिन थोड़ा समय गुजरने पर समझौते के लिए राजी होते हैं। इस तरह पूरे धैर्य पूर्वक राजीनामा करना होता है।

पति बोला शादी के दस माह बाद पत्नी कह रही तुम मुझे पसंद नहीं

एक पति ने परिवार परामर्श केंद्र पहुंचकर पत्नी को समझाने की गुहार लगाई है। पति ने कहा कि शादी के दस माह बाद अब पत्नी कह रही है कि तुम मुझे पसंद नहीं हो, साथ ही पत्नी मायके चली गई है और अब वह बुलाने पर ही नहीं आ रही है। पति के आवेदन पर परिवार परामर्श केंद्र ने पति-पत्नी के काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरु कर दी है।

अब पति-पत्नी को साथ बिठाकर की जाएगी काउंसलिंग

पति विवेक ने बताया कि उसकी पत्नी कह रही है कि शादी उसकी मर्जी से नहीं, बल्कि जबरदस्ती हुई है। परामर्श केंद्र प्रभारी का कहना है कि आवेदक की पत्नी को फोन पर सूचना दे दी गई है और परामर्श केंद्र बुलाया गया है। जहां पर पति-पत्नी को साथ बिठाकर काउसंलिंग की जाएगी और दोनों के बीच चर्चा करवाई जाएगी।

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रिश्तों को बचाता है परिवार परामर्श केंद्र

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी के निर्देशन में महिला थाना में परिवार परामर्श केंद्र का आयोजन किया गया। जिसमें 8 प्रार्थना पत्र की सुनवाई हुई जिसमें चार में समझौता हुआ और चार में अगली तारीख दी गई। परिवार परामर्श केंद्र वैचारिक तालमेल के अभाव में टूट रहे रिश्तों को बचाने का प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर महिला थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम शर्मा, महिला उपनिरीक्षक सल्या देवी, पूनम वर्मा, काउसंलिंग नीति शास्त्री, डॉ आलया एजाज, नीलम गुप्ता, मुख्य महिला आरक्षी उमा अहिरवार, महिला आरक्षी प्रतिमा सिंह, महिला हेल्प लाइन सदस्य महिला आरक्षी कुमकुम व निशा आदि लोग उपस्थित रहे हैं।

रिपोर्ट- बी.के.कुशवाहा

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