Jhansi News: भिखारी के वेश में यहां हैं वेंडर, पान बीड़ी सिगरेट गुटखा सब ऑन डिमांड मिलता है यहां

Jhansi News: व्यवसाय में लगे वेंडरों पर आरपीएफ और जीआरपी का शिकंजा नहीं कस पा रही है। रेलवे के बड़े अफसर भी आंखें मूंदे हैं।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2022-12-14 16:11 IST

भिखारी के वेश में वेंडर (photo: social media )

Jhansi News: रेल अफसरों की अनदेखी या फोर्स की मिलीभगत। अवैध वेंडरों की दबंगई के आगे रेलवे स्टेशन पर सुप्रीम कोर्ट कड़ा निर्देश भी बेअसर है। प्लेटफार्म व ट्रेनों में खुलेआम बीड़ी, पान, सिगरेट व गुटखा बेचा जा रहा है। अवैध वेंडरों की लूट-खसोट के साथ ही वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर गैर कानूनी व्यवसाय भी धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसके लिए व्यवसाय में लगे वेंडरों पर आरपीएफ और जीआरपी का शिकंजा नहीं कस पा रही है। रेलवे के बड़े अफसर भी आंखें मूंदे हैं।

ट्रेनों के प्लेटफार्म पर पहुंचते ही हाथ में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू आदि लिए लोग दिखाई पड़ते हैं। हर समय स्टेशन की सुरक्षा का दावा करने वाली आरपीएफ व जीआरपी को यह गैर कानूनी धंधा नहीं दिखाई देता। प्लेटफार्म पर सिगरेट, बीड़ी व गुटखे का दाम दोगुना पहुंच जाता है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध संबंधी सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश आम यात्रियों के लिए तो दिखाई पड़ता है, लेकिन अवैध वेंडरों पर न तो इसका असर है और न ही इसके पालन के लिए जिम्मेदारों को परवाह।

अभियान की आड़ में औचक निरीक्षण कर निरीह लोगों को बिना टिकट यात्रा व रेल परिसर में घूमने के आरोप में पकड़ने वाली फोर्स को कानून की उड़ती धज्जियां दिखाई नहीं देती हैं क्योंकि खानपान के अवैध व्यापार में लिप्त इन वेंडरों की ऊंची पहुंच से सब डरते हैं। इस संबंध में पीआरओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि अवैध वेंडिंग के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

रेलवे स्टेशन पर भिखारी बेच रहे हैं गुटखा

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म व परिसर में गुटखा, पान मसाला, तंबाकू आदि का सेवन करना और बेचना दोनों पर बैन है। यही वजह है कि यहां ऐसी कोई दुकान या खोका भी नहीं है जिस पर इन्हें खरीदा जा सके। लेकिन लोगों ने इनकी बिक्री का नया अनोखा तरीका ईजाद कर लिया है। जी हां, भिखारियों के माध्यम से रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म तक यह सामान बिकवाए जा रहे हैं। हालांकि इन दुकानों के मालिक भी आसपास घूमते रहते हैं। लेकिन बेचने के लिए भिखारी का इस्तेमाल करते हैं, ताकि उनकी बिक्री भी होती रहे और भिखारी होने की वजह से उन पर कार्रवाई भी न हो।

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