बेरोजगारी शादी पर हावी: कोरोनाकाल के बाद टूट रहे रिश्ते, 17 शिकायतों में से 19 में आपसी समझौता

Corona Period: देश में कोरोना का कहर धीरे धीरे थमने लगा है वही बेरोजगारी (Unemployment) देश की एक बड़ी समस्या है। कई जगह बेरोजगारी शादी जैसे मजबूत रिश्ते पर भी भारी पड़ रही है।

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-03-26 22:58 IST

झाँसी: कोरोनाकाल के बाद 'बेरोजगारी' शादी पर हुई हावी

Jhansi News: कोरोना काल (Corona period) के बाद आज भी कोरोना के विलक्षण समाज और रिश्तों में देखने मिल रहे हैं। खासतौर पर सात फेरों के साथ, सात जन्मों के बंधन के रिश्ते आर्थिक स्थिति के चलते टूटने की कगार पर पहुंच गए हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी जो वजह सामने आ रही है वह है कोरोना काल में अपनी रोजी रोटी खोना।

देश में कोरोना का कहर धीरे धीरे थमने लगा है वही बेरोजगारी (Unemployment) देश की एक बड़ी समस्या है। कई जगह बेरोजगारी शादी जैसे मजबूत रिश्ते पर भी भारी पड़ रही है। जिले में कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं। परिवार परामर्स केंद्र में उक्त मामले पहुंचे हैं। अधिकांश मामले ऐसे हैं जिसमें तकरार की वजह बेरोजगारी है।

कोरोनाकाल से पहले यहां कभी इक्का-दुक्का मामले ही पहुंचते थे, लेकिन इन दिनों मामले पहुंच रहे हैं। जिनमें पति-पत्नी, रिश्तेदार एक दूसरे से दूर होने की कवायद में लगे हैं। कोई किसी की भावनाओं को नहीं समझ रहा है, तो कोई अपनी सास से परेशान है। किसी की बहू घंटों फोन पर बात करती है, तो अनबन पैदा हो गई है। मामूली बातों पर घरों से शुरु हुई एक छोटी अनबन इस कदर बड़ी बीमारी बन गई है कि अब रिश्ते टूट रहे हैं।

इन सब में सबसे बड़ा कारण पति की बेरोजगारी है। बेरोजगारी या तो शादी से पहले से थी या कोरोना काल में पति का रोजगार खत्म होने से लड़ाई शुरु हुई। परिवार परामर्श केंद्र में लगातार आने वाले आंकड़े बताते हैं कि इस साल के भीतर परिवार परामर्श केंद्र में जो आंकड़े पहुंचे वो सामाजिक चिंतन की ओर इशारा करते हैं। वही, शनिवार को महिला थाना में परिवार परामर्श केंद्र का आयोजन किया। इसमें 17 शिकायतों में से दस शिकायती पत्रों का निस्तारण किया। इस प्रकार दस लोगों में आपसी समझौता भी करवाया गया। इस अवसर पर काउंसलर नीति शास्त्री आदि लोग उपस्थित रही।

दांपत्य जीवन (married life) की जिम्मेदारियां को नहीं समझा पा रहे है: नीलेश कुमारी

परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी नीलेश कुमारी बताते हैं कि लोग समझदार तो हो गए हैं लेकिन दांपत्य जीवन की जिम्मेदारियां को नहीं समझ पा रहे हैं। आज की नई पीढ़ी बले ही पढ़ लिखी गई हो लेकिन रिश्तो को निभाने की वह समझदारी उनमें नहीं बची है और यही वजह है कि शादी के पहले सात-सात घंटों तक फोन पर बातचीत करने वाले प्रेमी जोड़े अब सात सेकंड भी एक दूसरे की शक्त नहीं देखना चाहते हैं।

नए जोड़े टूटने की कगार पर

कोरोनाकाल के दौरान नए रिश्तों में बंधे नए जोड़े अब टूटने की कगार पर हैं। पारिवारिक विवाद में सबसे बड़ी वजह परिवार में आर्थिक तंगी सामने आई है। कई लोगों की नौकरी और व्यापार कोरोनाकाल में खत्म हो गए। तो कई परिवारों की आय घटकर आधी हो गई है। इसके अलावा दूसरा कारण जो सामने आया है वो है ग्रुप लोन और माइक्रो फाइनेंस। निचते तबके की महिलाएं रोजगार के उद्देश्य से छोटे-छोटे लोन ले रही हैं, लेकिन इन पैसों का उपयोग रोजगार स्थापित करने की बजाय निजी उपयोग में ले लेती है और जब लोग की किश्त चुकाने की बारी आती है तो पति-पत्नी में विवाद होने लगता है। वहीं जल्द ही अगर रास्ते बेरोजगारी से रोजगार के तरफ नहीं खुले तो आने वाले समय में यह आंकड़ों और भी बढ़ सकते हैं। साथ ही छोटी मोटी घरेलू बड़ा रुप भी ले सकती है।

वांछित लुटेरा गिरफ्तार

रक्सा थाने की पुलिस ( UP Police) ने लूट के मामले में फरार चल रहे निक्की उर्फ निगम परिहार निवासी हनुमान मंदिर के पीछे सिद्धार्थ नगर कालोनी दतिया को गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से 1150 कैश बरामद किया। इस मामले में विकास यादव निवासी ग्रेवरा रक्सा, नवाब सिंह निवासी ग्राम सिमरा रक्सा को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। साथ ही एक अन्य अभियुक्त आनंद यादव ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। मालूम हो कि 26 अक्तूबर 2021 को चित्रकूट निवासी संजय के साथ बदमाशों ने लूटपाट की घटना की थी।

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