Jhansi News: गरीब बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की अलख जला रहीं ‘पुलिस वाली मैडम’
Jhansi News: पुलिस की ड्यूटी के साथ वो गरीब परिवारों के बच्चों को निःशुल्क पढ़ा कर उनमें शिक्षा की अलख जगा रही हैं। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं। दीपशिखा चौहान को पढ़ाने का शौक हमेशा से रहा है। जब उसकी नजर सड़क के किनारे खेलते और घूमते हुए गरीब बच्चों पर पड़ी तो उन्होंने उनको साक्षर बनाने की ठानी।
Jhansi News: यूपी पुलिस की कार्यशैली पर अधिकतर लोग सवालिया निशान लगाते रहते हैं। हालांकि झांसी पुलिस की बेहतर मिसाल कायम करने वाली एक तस्वीर सामने आई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात महिला आरक्षी दीपशिखा चौहान ने समाज में बड़ा और बेहतर योगदान देने का संकल्प लिया है। अब तक आपसे सड़क पर पुलिसिंग देखी होगी, लेकिन दीपशिखा चौहान उसके साथ ही बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। पुलिस वाली मैडम की इस पहल पर यूपी पुलिस ही नहीं हर जगह तारीफ हो रही हैं। पुलिस की ड्यूटी के साथ वो गरीब परिवारों के बच्चों को निःशुल्क पढ़ा कर उनमें शिक्षा की अलख जगा रही हैं। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं। दीपशिखा चौहान को पढ़ाने का शौक हमेशा से रहा है। जब उसकी नजर सड़क के किनारे खेलते और घूमते हुए गरीब बच्चों पर पड़ी तो उन्होंने उनको साक्षर बनाने की ठानी।
Also Read
शिक्षा की अलख जलाने का संकल्प
दीपशिखा अपने साथियों रोहित और रजनी के साथ मिलकर झांसी की झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं। दीपशिखा बच्चों को न सिर्फ शिक्षित करती हैं बल्कि उन्हें कॉपी-किताब भी उपलब्ध कराती हैं। आर्थिक रुप से कमजोर बच्चे यहां आते हैं और मन लगाकर पढ़ते हैं। दीपशिखा नर्सरी से लेकर कक्षा पांच तक के बच्चों को सभी विषय पढ़ाती हैं। दीपशिखा चौहान बताती हैं कि आज अगर वो यूपी पुलिस में नौकरी कर रही हैं तो यह शिक्षा की ताकत है। ऐसे में जो आर्थिक रुप से कमजोर बच्चे हैं। वो भी देश के जिम्मेदार नागरिक बन सकें इसलिए उन्होंने यह बीड़ा उठाया है।
Also Read
ड्यूटी खत्म होते ही पहुंच जाती हैं बच्चों के पास
दीपशिखा ने अपनी टीम के साथ एक अनोखी पाठशाला बनाई है। वह हर रोज ऐसे बच्चों को पढ़ाती हैं जो किसी तरह स्कूल नहीं जा पाते। खासतौर पर सड़क के किनारे बेसहारा लोग जो तंबू लगाकर रहते हैं। झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं और उनके बच्चे पढ़ाई से काफी दूर रहते हैं। दीपशिखा एक पाठशाला लगाकर बच्चों को विद्या प्रदान कर रही हैं। दीपशिखा की इस पहल से वो क्षेत्र में पुलिस वाली मैडम के नाम से फेमस हो गई हैं। चौहान जो बच्चे पैसे की वजह पेन कॉपी-किताबें नहीं खरीद पाते, उनको वह खुद अपने पैसों से पढ़ने की सामग्री खरीद कर पढ़ने के लिए देती है।
शुरुआत में नहीं आते थे बच्चे
दीपशिखा बताती हैं कि नौकरी ज्वाइन करने से पहले वह दिल्ली में इस प्रकार का काम किया करती थी। झांसी आने के बाद भी उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया। अपने साथी रोहित के साथ मिलकर उन्होंने कुछ झुग्गियों को चयनित किया। जहां वह बच्चों को पढ़ाने जाती हैं।
एडीजी, डीआईजी और एसएसपी कर चुके हैं सम्मानित
दीपशिखा ने कहा कि इस काम में उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरा सहयोग दिया है। एडीजी, डीआईजी व एसएसपी ने उनको सम्मानित किया है। अधिकारियों ने बच्चों के लिए पुस्तकें खरीदने के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया। रोहित कुमार ने बताया कि उनका यह मिशन आगे भी जारी रहेगा। उनकी यह कोशिश है कि जहां कहीं उनकी तैनाती की जाए वहां वह ऐसा काम शुरु करेंगे। दीपशिखा ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि हर हाथ में कलम जरुर होनी चाहिए।