Jhansi: टमाटर की उन्नत खेती हेतु तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का हुआ आज शुभारंभ
Jhansi News: रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के सभागार में टमाटर की उन्नत खेती हेतु तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ।;
टमाटर की उन्नत खेती हेतु तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का हुआ आज शुभारंभ। (Pic: Newstrack)
Jhansi News: रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के सभागार में टमाटर की उन्नत खेती हेतु तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का शुभारंभ निदेशक शिक्षा डॉ अनिल कुमार, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ एमजे डोबरियाल, डॉ बृज बिहारी शर्मा डॉ सुशील कुमार सिंह, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ श्रवण कुमार शुक्ला ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
किसानों को किया जाएगा प्रशिक्षित
सह प्राध्यापक सब्जी विज्ञान डॉ बृज बिहारी शर्मा ने अतिथियों का स्वागत संबोधन करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से सीधा लाभ सब्जी की खेती कर रहे किसानों को मिलेगा। इसमें टमाटर की वैज्ञानिक खेती कैसे करना है, रोग प्रबंधन, बाजार आदि की समस्त जानकारी दी जाएंगी। अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ एमजे डोबरियाल ने टमाटर की खेती में महत्वा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सब्जी फसलों पर भी पड़ा है। टमाटर की कई किस्में होती है। लेकिन बुंदेलखंड की भूमि पर कौन सी प्रजाति की किस्म ज्यादा लाभ देगी, यह भी आपको इस प्रशिक्षण में बताया जायेगा। अतिथि निदेशक शिक्षा डॉ अनिल कुमार ने कहां की इस प्रशिक्षण में किसान, विद्यार्थी एवं वैज्ञानिक तीनों एक साथ कार्य करेंगे। कृषि विश्वविद्यालय झांसी लगातार किसानों को लाभान्वित कर रहा है। विश्वविद्यालय की मंशा है, किसानों की आय दुगनी हो, इस पर विश्वविद्यालय का जोर है। उन्होंने कहा कि अच्छा उत्पादन एवं गुणवत्ता युक्त टमाटर कैसे हो, इस पर आपको प्रशिक्षित किया जायेगा।
उच्च गुणवत्ता युक्त टमाटर की किस्म के प्रयोग को बढ़ावा
किसान को उच्च गुणवत्ता युक्त टमाटर की किस्म का प्रयोग करना चाहिए। किसानों को मूल्य संवर्धन उपाय का ज्ञान होना अति आवश्यक। टमाटर की खेती में कौन-कौन से पोषक तत्व, खनिज लवण का प्रबंध टमाटर में करना है। यह भी जानकारी मिलेगी। छोटी तकनीक का समावेश करना है। इसमें उत्पादन बढ़ जाता है। टमाटर की ऐसी किस्म भी आई है जिससे पथरी नहीं होती है। वह भी अपना सकते हैं। एक टमाटर रस वाला एवं एक बल्ब दो प्रकार के टमाटर की किस्म ज्यादा प्रचलित है। विटामिन ए युक्त टोमेटो के शोध करने की आवश्यकता है। किसानों को जैविक टमाटर सब्जियों को उगाने का प्रयास करना चाहिए। जो किसान जैविक सब्जी उत्पादित करेगा, उसको कृषि विश्वविद्यालय जैविक सब्जी प्रमाण पत्र भी आगे देगा। इससे आपको सब्जी बेंचने में अधिक लाभ प्राप्त होगा। बुंदेलखंड की सब्जियां हमेशा स्वादिष्ट व पोशकता से भरपूर रही है। इस अवसर पर डॉ श्रवण शुक्ला, डॉ सुंदरपाल, बीएससी स्नातक के विद्यार्थी एवं ग्राम बूढ़ा,भरारी, झांसी शहर, नगरा झांसी,मुरैना, दतिया, जालौन, पडरी जालौन, नानाभाऊ बगीचा झांसी,पहाड़ी बुजुर्ग, मैरी, चिरगांव, टहरौली आदि से सब्जी किसान उपस्थित रहे।कार्यक्रम समन्वयक डॉ आशुतोष सिंह ने संचालन एवं डॉ सुशील कुमार सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।