Jhansi News: बाल कल्याण समिति ने दिखाई सतर्कता, कहा- बाल विवाह करवाने से बचें
Jhansi News: कानून में विवाह की उम्र तय है। लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष पूरी होने से पहले विवाह रचाना गुनाह है। कानून बनने के बाद भी बाल विवाह की परंपरा जड़ से खत्म नहीं हुई।
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी में बाल विवाह का मामला सामने आया लेकिन समय रहते बाल कल्याण समिति की सतर्कता उस समय काम आई, जब रिश्तेदारों व मेहमानों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिलाई। बाल कल्याण समिति ने गुरुवार को होने जा रहे बाल विवाह को रोक दिया। कानून में विवाह की उम्र तय है। लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष पूरी होने से पहले विवाह रचाना गुनाह है। कानून बनने के बाद भी बाल विवाह की परंपरा जड़ से खत्म नहीं हुई।
भनक लगते ही पंडाल में पहुंचे सरकारी मेहमान, बाल विवाह रोका
बताते हैं कि बड़ागांव थाना क्षेत्र के ग्राम बावलटांडा में ऐसे ही एक बाल विवाह की जानकारी मिली। इस मामले को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने गंभीरता से लिया। न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने तत्काल जांच एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु थाना प्रभारी बड़ागांव एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए। एसओ बड़ागांव द्वारा तत्काल उक्त प्रकरण की जांच कराई गई।
बाल विवाह की शिकायत सही पाए जाने पर उन्होंने बालिका के माता-पिता को थाने बुलवाया और समझाया कि बाल विवाह गैर कानूनी है। इससे दोनों परिवारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। बालिका के माता-पिता को पुत्री सहित बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश भी दिए गए।
कानून की जानकारी नहीं थी- लड़की का पिता
उसी समय थाने पर उपस्थित चाइल्ड लाइन कर्मी रोहनी यादव एवं आलोक कुमार ने बालिका के माता-पिता व बालिका को साथ लोकर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। बालिका के पिता ने बताया कि उन्हें इस प्रकार के कानून की जानकारी नहीं थी इसलिए वे अपनी नाबालिग पुत्री का विवाह करने जा रहे थे। अब वे अपनी पुत्री का विवाह बालिग होने पर ही करेंगे। कार्रवाई के दौरान बाल कल्याण समिति के सदस्यगण कोमल सिंह, परवीन खान, हरीकृष्ण सक्सेना व दीप्ति सक्सेना उपस्थित रहे।