Jhansi News : खेतों की सिंचाई के लिए बड़वार, गुरसरांय और पहूज नहर प्रणाली संचालित
Jhansi News: झांसी जिले में बेतवा पर बने बांधों से करीब 650 किलोमीटर लंबी विभिन्न नहर प्रणालियां निकली हैं। इन नहर प्रणालियों से सैकड़ों किलोमीटर लंबी नहरें और माइनर निकली हैं जो हर गांव और खेत को जीवन दे रही हैं।
Jhansi News: रबी सीजन की बुवाई चल रही है। खेतों का पलेवा करने के लिए जनपद की बड़वार, गुरसरांय व पहूज नहर प्रणालियों को संचालित कर दिया गया है। वहीं बेतवा मुख्य नहर प्रणाली का संचालन 19 नवंबर से किया जाएगा। संचालित नहरों का रोस्टर भी जारी कर दिया गया है। इसके अलावा सिंचाई विभाग ने कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया है। इस बीच कई स्थानों से नहरों में सिल्ट जमा होने से पानी न पहुंचने, नहरों के कटाव और टेल तक पानी न पहुंचने की शिकायतें भी की जाने लगीं हैं। मजे की बात तो यह है कि जहां नहर संचालन या पानी न मिलने की समस्या है तो वहां के किसान कंट्रोल रूम से संपर्क न करके सीधे जिलाधिकारी को ज्ञापन दे रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि समस्या होने पर सीधे कंट्रोल रूम को सूचना दी जानी चाहिए जिससे समस्या का तत्काल समाधान हो सके।
झांसी की धमनियों में प्रवाहित है बेतवा का अमृत
- - जनपद की कृषि को जीवन देती हैं बेतवा, गुरसरांय, बड़वार, पहूज और गढ़मऊ की 650 किलोमीटर लंबी नहर प्रणालियां
- - सैकड़ों किलोमीटर बिछा है रजवाहों और माइनर का जाल, सिंचित होती है जनपद की खेती
बेतवा नदी बुंदेलखंड की जीवन रेखा है। इसका अमृत तुल्य जल बुंदेलखंड के निवासियों, पशु-पक्षियों और खेती-किसानी का जीवन चलाता है। झांसी जिले में बेतवा पर बने बांधों से करीब 650 किलोमीटर लंबी विभिन्न नहर प्रणालियां निकली हैं। इन नहर प्रणालियों से सैकड़ों किलोमीटर लंबी नहरें और माइनर निकली हैं जो हर गांव और खेत को जीवन दे रही हैं।
झांसी जिले की जमीन पथरीली और ढलानदार होने के कारण यहां बारिश का पानी नहीं ठहर पाता है। जिसके कारण यहां की खेती बारिश पर आधारित है। यहां बांधों से खेती की सिंचाई के लिए पानी मिलता है। बेतवा नहर प्रणाली झांसी जिले के प्रमुख पारीछा बांध से निकली है, जिसकी लंबाई 219 किलोमीटर है। वहीं 293 किलोमीटर लंबी गुरसराय नहर प्रणाली, 53 किलोमीटर लंबी बदवार नहर, 42 किलोमीटर लंबी पहूज नहर और 36 किलोमीटर लंबी गढ़मऊ नहर प्रणाली से जिले के बहुत बड़े इलाके में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जाती है।
पारीछा बांध से 219 किलोमीटर लंबी बेतवा नहर निकली है। इस नहर से झांसी समेत जालौन, हमीरपुर और दतिया को पानी मिलता है। पारीछा बांध से निकली 293 किमी लंबी गुरसराय नहर प्रणाली है जिससे 43 नहरें और माइनर निकली हैं। बरवार झील से बेतवा के साथ 53 किमी लंबी बरवार नहर प्रणाली निकलती है। जिससे बिजौरा, भगवंतपुरा, चंदनपुरा, गौना, हैवतपुरा, वीरपुरा, हीरानगर और बदरवारा को पानी मिलता है। गढ़मऊ झील से 36 किमी लंबी नहर प्रणाली है। मुख्य नहर से पालर माइनर, गढ़मऊ माइनर, मडोरा माइनर और बड़ागांव माइनर निकलती हैं। इसके साथ ही पहूज नदी पर पहूज बांध बनाया गया है। पहूज बांध से 42 किमी लंबी नहर निकलती है। पहूज नहर से रामपुरा, मथनपुरा माइनर, आरी माइनर, पहलगुवा, अटपेई और गौरारी माइनर निकलती हैं।
पुराणों में बेतवा नदी को 'बेत्रवती' के नाम से जाना जाता है। यह यमुना की एक सहायक नदी है जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से होकर बहती है। झांसी जिले में बेतवा नदी पर पारीछा बांध सहित कई बांध बनाए गए हैं जो शहरों, कस्बों और गांवों को पानी उपलब्ध कराते हैं। साथ ही, इन बांधों से निकलने वाली नहर प्रणालियों से जिले की कृषि भी चलती है। बेतवा नदी को बुंदेलखंड की गंगा भी कहा जाता है।