Jhansi News: साहब, ससुरालियों ने कहा, नौकरी छोड़ो, महिला आरक्षी ने नौकरी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है पूरा मामला
Jhansi News: साहब, मैं अपनी मर्जी से पुलिस विभाग की नौकरी कर रही थी, अब उसका रिश्ता हो गया है। ससुरालीजन कह रहे हैं कि शादी तभी करेंगे, जब पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ दूंगी। इसलिए वह पुलिस विभाग की नौकरी से इस्तीफा दे रही हूं।
Jhansi News: साहब, मैं अपनी मर्जी से पुलिस विभाग की नौकरी कर रही थी, अब उसका रिश्ता हो गया है। ससुरालीजन कह रहे हैं कि शादी तभी करेंगे, जब पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ दूंगी। इसलिए वह पुलिस विभाग की नौकरी से इस्तीफा दे रही हूं। इस मामले में महिला आरक्षी ने एसएसपी को पुलिस विभाग से नौकरी से संबंधित इस्तीफा का शिकायती पत्र दिया है।
फिरोजाबाद में रहने वाली एक लड़की का वर्ष 2021 में महिला आरक्षी के पद पर सिलेक्शन हुआ था। पहली पोस्टिंग उसकी झाँसी में हुई है। बताते हैं कि कुछ दिनों पहले उसकी शादी का रिश्ता तय हो गया। रिश्ता तय होने के बाद ससुरालियों ने लड़की से कहा कि पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ना होगी, तभी शादी करेंगे। इस बात को लेकर लड़की तैयार हो गई। बताते हैं कि कुछ लोगों ने लड़के पक्ष को काफी समझाने की कोशिश की मगर वह अपनी बात पर अडिग रहे। बाद में लड़की पुलिस विभाग की नौकरी से इस्तीफा देने को तैयार हो गई।
महिला आरक्षी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आकर बताया है कि उसकी शादी का रिश्ता तय हो गया है। ससुरालीजन उससे कह रहे है कि पहले पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ दो, तो वह शादी कर लेंगे। इसलिए वह पुलिस विभाग की नौकरी से इस्तीफा देने का मन बनाया है। पुलिस विभाग के स्टॉफ ने महिला आरक्षी को समझाया मगर वह अपनी बात पर अडी रही। महिला आरक्षी का कहना है कि पुलिस विभाग में वह अपनी मनमर्जी से भर्ती हुई थी। परिजनों ने कोई सहयोग नहीं दिया था। पुलिस विभाग की नौकरी तो अच्छी है मगर रिश्ता बहुत कम ही मिलता है। इसलिए इस्तीफा देना चाहती हूं। इस मामले में महिला आरक्षी ने इस्तीफा के संबंध में पत्र दिया है।
बाइक की डिमांड पर रिश्ता टूटा
नई बाइक की मांग को लेकर एक शादी का रिश्ता टूट गया। इसको लेकर दोनों पक्षों के मध्य पंचायत हुई। पंचायत में एक-दूसरे पक्ष ने एक-दूसरा का सामान वापस कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के मध्य समझौता करवाया गया।
चिरगांव थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली एक लड़की का रिश्ता इसी थाना क्षेत्र के दूसरे गांव में रहने वाले युवक से हुआ था। दोनों पक्षों ने रिश्ता पक्का कर लिया था। बाद में लड़के पक्ष ने मोटर साइकिल की डिमांड की। डिमांड पूरी होने के बाद लड़के पक्ष ने कहा कि यह बाइक ने फला बाइक चाहिए। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में अनमन हो गई। लड़की पक्ष ने कहा कि उन्होंने ढाई लाख रुपया खर्चा किया है। इसी बात पर कहासुनी हो गई। लड़के पक्ष ने कहा कि ढाई लाख नहीं, केवल 11 हजार रुपया खर्च किया था। बाद में दोनों पक्षों ने गांव में पंचायत बुलायी। पंचायत में मौजूद लोगों ने दोनों पक्षों को सुना। सुनाई होने के बाद गलती लड़की पक्ष की मानी गई, क्योंकि पता चला कि लड़की पक्ष का परिवार के लोग रिश्ता पक्का तो कर देते हैं मगर रिश्ता तोड़ते ही पैसों की दुगुनी मांग करते हैं। यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले दो मामले हो चुके हैं। लड़की अपने माता-पिता के साथ रह रही है। बाद में किसी तरह लड़की पक्ष के परिजनों को 11 हजार की जगह 50 हजार रुपया दिया गया। तभी लड़की पक्ष के लोग मान गए। इस पर दोनों पक्षों में समझौता कराया गया। इस बात की गांवों में काफी चर्चा है।
अभियुक्त को चार साल छह माह का कारावास
ईसी एक्ट स्पेशल जज ने चोरी का माल बरामद करने के मामले में अभियुक्त को चार साल छह माह के कारावास और आठ हजार रुपयों के अर्थदंड से दंडित किया है। मालूम हो कि बरुआसागर थाना पुलिस ने मध्य प्रदेश के लिधौरा के ग्राम बड़ा लिधौरा निवासी सोनू उर्फ घनश्याम को चोरी की बाइक समेत दबोच लिया था। इस अभियुक्त के खिलाफ दफा 379, 411, 413, 414, 420 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। बाद में अभियुक्त को अदालत में पेश किया। वहां से उसे जेल भेजा गया था।
जेल में बितायी गयी सजा से किया दंडित
अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ने दफा 25 आर्म्स एक्ट के तहत चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम बिठरी निवासी विपिन कुमार को जेल में बितायी गई अवधि व न्यायालय उठने तक की सजा व पांच सौ रुपयों के अर्थदंड से दंडित किया गया। इस मामले की पैरवी मॉनीटरिंग सेल द्वारा की गई।
सीनियर डीसीएम वन औऱ टू पद खत्म
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज और झाँसी मंडल में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक वन और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक टू खत्म कर दिया गया। इनके स्थान पर सीनियर डीसीएम (कोचिंग) और सीनियर डीसीएम (गुड्स) पद बनाए गए हैं। यह सालों पुराने हैं मगर उत्तर मध्य रेलवे में नई प्रथा लागू होने से पुराने पदों को दरकिनार किया जा रहा था। बताते हैं कि वन और टू पद भी अलग- अलग प्रकार के होते थे। बताया जा रहा है कि वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (कोचिंग) शशिकांत त्रिपाठी औऱ वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (गुड्स) अमित आनंद हो गए हैं। पहले यह पद वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक वन के अधीन थे। गुड्स पद होने से सीनियर डीसीएम के पदों में कटौती की गई है।