Jhansi News: ब्रिटिश पार्लियामेंट में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किए गए झांसी के हृदेश गुप्ता

Jhansi News: हृदेश गुप्ता को उनके सामाजिक कार्यों, भारतीय प्रवासियों के हितों के लिए समर्पण और भारत-यूके संबंधों को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया।

Report :  Gaurav kushwaha
Update:2024-09-15 17:17 IST

ब्रिटिश पार्लियामेंट में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किए गए झांसी के हृदेश गुप्ता: Photo- Newstrack

Jhansi News: झांसी के सुप्रसिद्ध समाजसेवी और प्रवासी भारतीय संगठन इंडियन डायस्पोरा इन यूके के सह-संस्थापक हृदेश गुप्ता ने कहा कि "यह सम्मान न केवल मेरा है, बल्कि उन सभी भारतीय प्रवासियों का है, जिन्होंने विदेश में रहते हुए भी अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम और निष्ठा बनाए रखी है।

यह बात उन्होंने ब्रिटिश संसद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सुशासन सम्मेलन 2024 के दौरान कही है। इसके बाद उनको उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे इस मंच पर हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।

भारत और यूके के बीच सांस्कृतिक सहयोग को प्रोत्साहित करना

यह तीन दिवसीय सम्मेलन 11 से 13 सितंबर 2024 तक लंदन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत और यूके के बीच नेतृत्व, सुशासन और सांस्कृतिक सहयोग को प्रोत्साहित करना था।

हृदेश गुप्ता को उनके सामाजिक कार्यों, भारतीय प्रवासियों के हितों के लिए समर्पण और भारत-यूके संबंधों को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह 12 सितंबर को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता पद्म बॉब ब्लैकमैन (सांसद, हैरो ईस्ट) और हरो की डिप्टी मेयर, काउंसलर अंजना पटेल ने की।

सम्मेलन में उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी, ब्रिटिश संसद के कई सदस्य, और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित लोग शामिल थे। अंतर्राष्ट्रीय सुशासन सम्मेलन 2024 का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सुशासन, पारदर्शिता, और सतत विकास को बढ़ावा देना है। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय "विकसित भारत 2047" था, जिसमें भारत की भविष्य की आर्थिक प्रगति और अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

भारतीयों के लिए एक प्रेरणा बने हृदेश गुप्ता

हृदेश गुप्ता की इस सफलता ने न केवल झांसी और उत्तर प्रदेश को गर्वित किया है, बल्कि उन सभी भारतीयों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना है, जो विदेशों में रहते हुए भी भारत के लिए योगदान देने के इच्छुक हैं।

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