Jhansi Medical College Fire Case: 21 बच्चों की सूची जारी, इनकी मिलेगी जानकारी

Jhansi News: नवजात शिशु यदि किसी का गुम है और जानकारी नहीं मिल सकी है तो इसके लिए वह सीधे 6389831357 पर फोन करके विस्तार से जानकारी ले सकता है।

Report :  Gaurav kushwaha
Update:2024-11-16 20:34 IST

21 बच्चों की सूची जारी, इनकी मिलेगी जानकारी: Photo- Social Media

Jhansi Medical College Fire Case: झांसी मेडिकल कालेज में आग के बाद मची अफरा तफरी से कई बच्चे इधर से उधर हो गए है। हालांकि प्रशासन मृत दस बच्चों की पुष्टि कर चुका है पर अब तक यह पुष्टि नहीं हो सका है कि लापता बच्चों की संख्या कितनी है। प्रशासन की ओर से लापता बच्चों की जानकारी के लिए दुर्घटना हेल्प लाइन नंबर को जारी कर दिया गया है। नवजात शिशु यदि किसी का गुम है और जानकारी नहीं मिल सकी है तो इसके लिए वह सीधे 6389831357 पर फोन करके विस्तार से जानकारी ले सकता है। जहां बच्चे के माता पिता के नाम बताने पर उनकी मौजूद जानकारी दी जाएगी।

इन बच्चों की मिल जाएगी जानकारी-

नवजात शिशुओं का ब्योरा वार्ड-5

1-जयदेवी पत्नी हरिकृष्ण

2-कमलेश पत्नी मलखान

3-आरती पत्नी किसन

4-हेमवती पत्नी रामजाने

5-शिवानी पत्नी मुकुल

6-छाया पत्नी राहुल

7-एकता पत्नी राहुल

8-सुरक्षा पत्नी विक्की

9-राधा पत्नी प्रीतम

10-लक्ष्मी पत्नी महेन्द्र

11-लक्ष्मी पत्नी भोला

12-मुस्कान पत्नी विशाल

13-पार्वती पत्नी सोनू

14-रीना पत्नी राजकुमार

15-सुखवती पत्नी वरदानी

16-बेबी पूजा पत्नी कृष्णकांत

17-जामवती पत्नी दीपू

18-फूलवाई पत्नी नीरज

19-पूनम पत्नी रंजीत

20-काजल पत्नी बॉबी

21-दीपा पत्नी रईस

630 केवीए लाइन में कोई फॉल्ट नहीं था

नीकू वार्ड में जहां घटना हुई है। वहां पर 630 केवीए का ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। 11 केवी मीटर रूम के बाद ट्रांसफार्मर और एलटी लाइन की देखरेख मेडिकल कॉलेज द्वारा नियुक्त अवर अभियंता संजीत कुमार के द्वारा की जाती है ।

बताते हैं कि 11 केवी फीडर की सप्लाई नॉर्मल थी। रात्रि 10.55 पर मेडिकल कॉलेज के अवर अभियंता (मेडिकल कॉलेज द्वारा नियुक्त ) द्वारा दूरभाष पर लाइन बंद कराई गई। पुनः 11.50 पर उपरोक्त अवर अभियंता द्वारा पुनः विद्युत आपूर्ति बहाल कराई गई । वर्तमान में सप्लाई सुचारू रूप से चल रही है। लाइन में कोई भी फॉल्ट नहीं था और न अब है । 11 केवी की मीटरिंग है जिसमें 11 केवी के मीटर रूम तक विद्युत लाइन की देखरेख विभाग करता है। मीटर के उपरांत की विद्युत लाइन की देखरेख मेडिकल कॉलेज द्वारा नियुक्त अवर अभियंता द्वारा की जाती है। बताया जा रहा है जिस समय घटना हुई है, उस समय 2100 के डब्ल्यू का लोड था। 26 एम्प्यार लोड था। 11 केवी मीटरिंग प्रणाली थी।

मेडिकल कालेज में लगे हैं 16 ट्रांसफार्मर

मेडिकल कॉलेज में कई ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। इनमें दो 1600 केवीए, छह चार केवीए, दो 630 केवीए, चार 250 केवीए, एक 63केवीए, एक 100 केवीए शामिल है।

दस में से सात की हो सकी शिनाख्त

हमीरपुर निवासी नजमा पत्नी याकूब, नजमा पत्नी याकूब ने 9 नवंबर 2024 को दो बेटियों को जन्म दिया था।, ललितपुर निवासी पूजा पत्नी भगवान सिंह 15 नवंबर 2024 को बेटा, झांसी के ग्राम बामौर निवासी पूनम पत्नी नेतराम ने 13 नवंबर 2024 को बेटी, बामौर निवासी संध्या पत्नी कंचन कपूर ने 13 नवंबर 2024 को बेटा, ललितपुर निवासी संजना पत्नी सोनू ने 7 अक्तूबर 2024 को बेटा, ललितपुर निवासी भागवती पत्नी धर्मेंन्द्र कुमार ने 12 नवंबर 2024 को बेटा का जन्म दिया था।

तीन कमेटियां कर रही हैं जांच

इस मामले में तीन कमेटियां गठित कर पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। पहली जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा। इसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल होंगे। दूसरी जांच स्तर पर प्रशासन कराएगा। तीसरी मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने डीआईजी और कमिश्नर से पूरी घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे में अलग से मांगी है, ताकि आगे के कदम उठाए जा सके। इस संबंध में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि तथ्यात्मक रुप से सामने लाया जाएगा। किन कारणों से और कैसे घटना हुई, किसकी लापरवाही रही। यह सारी बातें सामने लाई जाएंगी।

बच्चों की शिनाख्त के लिए कराएंगे डीएनए टेस्ट

जिन बच्चों की शिनाख्त नहीं हो सकेगी, उनके डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे। कुछ परिजनों से संपर्क हो रहा है। इनके मोबाइल फोन बंद हैं। इसलिए स्थानीय स्तर पर उनके घर भेजकर बच्चों के बारे में जानकारी की जा रही है। वहीं, मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जिन बच्चों को आग से बाहर निकाला गया है। वह सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। वह आग से नहीं झुलसे, बल्कि किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।

दो बच्चों के नहीं मिल रहे माता-पिता

मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में लगी आग से जीवित निकाले गए दो मासूमों के माता-पिता नहीं मिल रहे हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मेडिकल कालेज प्रशासन व अन्य सोर्स उनके अभिभावकों को तलाशने में जुटे हैं।

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