Jhansi News: जीआईएस सर्वे के बाद एक लाख नए भवन लाए गए दायरे में, भेजे गृहकर नोटिस, 50 हजार मकानों का टैक्स 25 फीसदी बढ़ा
Jhansi Nagar nigam: नगर निगम द्वारा कराए गए जीआईएस सर्वे के बाद महानगर की सीमा में गृहकर के दायरे में आने वाले भवनों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है।
Jhansi News: जीआईएस सर्वे के बाद गृहकर के भेजे गए नोटिस महानगर के गृहकर दाताओं के लिए परेशानी का कारण बन चुके हैं। इसकी वजह है कि इन नोटिस में भवनों पर मनमाना टैक्स लगाया गया है। जब हाउस टैक्स बढ़ा तो जल संस्थान ने भी जलकर बढ़ा दिया और उसके नोटिस नगर वासियों को थमा दिए। ऐसे में नगरवासी परेशान हो गए। लोग हाउस टैक्स कम कराने के लिए बीते कई माह से नगर निगम और जल संस्थान के चक्कर लगा रहे हैं, पर उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
हालांकि नगर निगम विभिन्न वार्डों में मालूम हो कि नगर निगम द्वारा कराए गए जीआईएस सर्वे के बाद महानगर की सीमा में गृहकर के दायरे में आने वाले भवनों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। यहां यह बताना जरूरी है कि अब तक नगर निगम के गृहकर के दायरे में1.12 लाख भवन आते थे जिनसे गृहकर वसूला जाता था। मगर जीआईएस सर्वे के बाद अब 2.28 लाख भवनों को गृहकर के दायरे में लिया गया है। वहीं लगभग 50,000 ऐसे मामले आए जिनका गृहकर 25 फीसदी तक बढ़ा दिया गया।
गृहकर दाताओं की समस्याओं के निस्तारण करने की नगर निगम ने योजना बनाई। जिसके तहत हर वार्ड में शिविर आयोजित किए । शिविरों में हाउस टैक्स संबंधी समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया गया लेकिन शिविर में पहुंचने वाले ज्यादातर गृहकरदाताओं को निराशा ही हाथ लगी। इसकी वजह थी कि शिविरों में टैक्स जमा कराया जा रहा था जबकि समस्याओं के समाधान का प्रचार किया गया था। अब साल बीत गया, नगर निगम का हाउस टैक्स जमा कराने के लिए फिर भी वित्तीय वर्ष की समाप्त को तीन माह का समय है। ऐसे में यदि नगर निगम को गृहकर के लक्ष्य की पूर्ति करनी है तो उसे भी टैक्स दाताओं की समस्याओं के निस्तारण में तेजी लानी पड़ेगी।