Jhansi News: राष्ट्र-ध्वज रैली निकाल कर विभाजन विभीषिका दिवस मनाया
Jhansi News: विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय नें कहा- विभिन्न अवसरों पर निर्णय कि भूमिका परिवर्तनकारी दिखाई पडती है, जब हम स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे थे कुछ तत्वों नें विभाजन का षड्यंत्र किया।
Jhansi News: आज बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का हिन्दी विभाग में भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विद्यार्थियों के साथ एक संगोष्ठी आयोजित किया गया।संगोष्ठी में कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, वित्त अधिकारी, संकायध्याक्ष कला मुन्ना तिवारी विभागीय प्राध्यापक उपस्थित रहे।इस अवसर पर छात्र छात्राओं नें विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र-ध्वज रैली निकाल कर विभाजन विभीषिका त्रासदी के प्रति संवेदना प्रकट किया।
स्वतंत्रता आंदोलन में नकारात्मक तत्वों का प्रभाव आजादी पर दिखता
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय नें कहा- विभिन्न अवसरों पर निर्णय कि भूमिका परिवर्तनकारी दिखाई पडती है, जब हम स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे थे कुछ तत्वों नें विभाजन का षड्यंत्र किया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नकारात्मक तत्वों का प्रभाव आजादी पर दिखता है।आजादी पूर्व विभाजन कि त्रासदी असंख्य नागरिकों कि काल बन कर आयी, एक अनुमान के अनुसार 10लाख लोग विभाजन के निर्णय के साथ ही मारे गए।लाखों लोग विस्थापित हुए. इस विभीषिका का प्रभाव स्वाधीन भारत कि प्रगति पर आज तक दिखता है।पीढ़ियां इस त्रासदी कि स्मृति को लेकर भारत निर्माण में योगदान कर रही हैं।
आज के नागरिक समाज कि जिम्मेदारी हैं कि अपने आजादी के अधिकारों का उपभोग भारत कि स्वाधीनता संग्राम के मूल्यों और विभाजन कि त्रासदी के स्मृतियों में करें।त्रासदी भूलों कि परिणति थी, भूलों को इसलिए स्मृति में रखना हैं कि त्रासदी कि पुनरावृति संभव न हो।वित्त अधिकारी प्रमोद सिंह नें कहा- नागरिक समाज को दायित्व बोध अपने अतीत के सन्दर्भ में लेना चहिये. त्रासदी एक भूल थी इसे समझना समझाना होगा।विभाग में विगत दिनों तुलसी जयंती प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित हुआ, इसमें स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रो पुनित बिसारीय, डॉ अचला पाण्डेय, नवीन पटेल, डॉ बिपिन प्रसाद, डॉ शैलेन्द्र तिवारी, पूजा निरंजन, डॉ रश्मि जोशी, डॉ प्रेमलता, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ पुनीत श्रीवास्तव, डॉ सुधा दीक्षित उपस्थित रहे, संचालन श्रीहरि ने किया, धन्यवाद प्रोफेसर मुन्ना तिवारी नें किया।