Jhansi News: रजवाहों और माइनर में हो रही सिल्ट जमा, रबी में कैसे होगा नहर का संचालन
Jhansi News: बुंदेलखंड में खासकर झांसी जनपद की भौगोलिक स्थिति अन्य क्षेत्रों से भिन्न है। यहां राकर ढालू भूमि होने की वजह से बरसात में मिट्टी का क्षरण होता है।
Jhansi News: जनपद के अधिकांश गांवों की खेतों की नहरों, रजवाहों एवं माइनर से मिलने वाले पानी से सिंचाई होती है। लेकिन, यह तब हो पाता है जब बांधों से नहर का संचालन किया जाता है। ऐसे में जनपद के 839 गांवों में से ज्यादातर की खेती पूरी तरह से यहां होने वाली वर्षा और नहर संचालन पर आधारित है। लेकिन जनपद के अधिकांश नहरों व रजवाहों में बेतहाशा सिल्ट जमा हो गई है, साथ ही झाड़ियां उग आई हैं। वहीं अराजक तत्वों ने माइनर व रजवाहे भी क्षतिग्रस्त कर दिए हैं। ऐसे में इनकी सफाई और मरम्मत की आवश्यकता है, ताकि रबी में इनका भली भांति संचालन हो सके जिससे टेल तक पानी पहुंचे और सभी किसानों को लाभ पहुंच सके।
मालूम हो कि बुंदेलखंड में खासकर झांसी जनपद की भौगोलिक स्थिति अन्य क्षेत्रों से भिन्न है। यहां राकर ढालू भूमि होने की वजह से बरसात में मिट्टी का क्षरण होता है। खेतों की उपजाऊ मिट्टी बरसात के पानी के साथ बहकर नदियों, जलाशयों और रजवाहों, माइनर में जाती है। जिसकी वजह से यहां बेतहाशा सिल्ट जमा हो जाती है। बरसात के बाद रबी के सीजन में नहर संचालन में पानी का बहाव अवरुद्ध होने लगता है जिसकी वजह से अधिकांश माइनर व रजवाहे फट जाते हैं, ऐसे में समीपवर्ती खेतों में पानी भर जाता है।
जनपद में नहरों, रजवाहों, माइनर और बंबों की कुल लंबाई 1236 किलोमीटर है। बीते वर्षों में सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की सिल्ट सफाई कराई जाती रही है। बीते वर्षों में इनकी सफाई कराने 15 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष खर्च किए जाते रहे हैं। बावजूद इसके फिर इनकी दशा जस की तस हो जाती है।
जल्द होगी नहरों की सफाई
इस वर्ष भी लगभग 1063 किलोमीटर कुल लंबाई की नहरों, माइनरों व रजवाहों की सफाई के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसपर 158.44 लाख रुपए खर्च किए जाने की संभावना है। विभाग के मुताबिक इस प्रस्ताव के दो सप्ताह में अनुमोदन की संभावना है।
विभाग के मुताबिक नहरों की सफाई कार्य में इनमें भरी सिल्ट की सफाई के साथ इनमें उगी झाड़ियों व समीपवर्ती स्थानों पर पौधों की सफाई भी कराई जानी है। वहीं यदि कहीं नहर, रजवाहे या माइनर क्षतिग्रस्त हैं तो उनकी मरम्मत भी कराई जानी है। विभाग का कहना है कि रबी सीजन से पहले इस कार्य को पूर्ण कराया जाएगा जिससे इनके संचालन में कोई परेशानी उत्पन्न न हो। पानी सुगमता से टेल तक पहुंचे और सभी किसानों को इसका लाभ मिल सके।