Jhansi News: स्मार्ट सिटी के अधिकारी का बदहाल चैंबर, दीवारों का उखड़ रहा प्लास्टर, टपक रहा पानी
Jhansi News: बारिश से नगर निगम की बिल्डिंग के इंजीनियर कक्ष की दीवारों से पानी टपक रहा है। छोटे-छोटे चैंबर, छतों और दीवारों पर सीलन से पानी टपक रहा है।
Jhansi News: महानगर को स्मार्ट बनाने का जिम्मा उठाने वाली स्मार्ट सिटी लिमिटेड का आफिस ही स्मार्ट नहीं है तो यह महानगर कैसे स्मार्ट बनाएंगे। अधिकारियों के छोटे-छोटे सीलनयुक्त चैंबर देखकर एक बारगी तो किसी कस्बे की तहसील परिसर में बने दस्तावेज लेखकों के छोटे-छोटे बस्तों सा अहसास होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि जो अपने कार्यालय के साथ नगर निगम बिल्डिंग को साफ सुथरा और स्मार्ट नहीं बना सके वह झांसी को कैसे स्मार्ट बना पाएंगे। हालांकि, स्मार्ट सिटी लिमिटेड का कार्यकाल बीतने के बाद उन्हें लगभग एक वर्ष का एक्सटेंशन जरूर मिल गया है, पर स्थितियां ऐसी है कि सवाल तो पैदा होता ही है।
दीवारों से टपक रहा पानी
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्यालय सहित नगर निगम के भवनों की छतों से पानी टपक रहा है। दीवारों पर बारिश के पानी से सीलन आ चुकी है। दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है। खुद स्मार्ट सिटी के चैंबरों की दशा भी ठीक नहीं है। पीवीसी सीलिंग लगाकर बदहाल छत को छुपा लिया गया है, पर छतों से टपकते पानी को नहीं रोका जा सका है। वहीं, सीलन भरी दीवारों और उखड़ते प्लास्टर के साथ चिंदी-चिंदी होते फर्श को छुपाया नहीं जा सकता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बगल में ही नगर निगम के चीफ इंजीनियर के कक्ष के बाजू में अधिशासी अभियंता के कक्ष की दीवारों से पानी टपक रहा है। कक्ष में जिस दीवार पर एयरकंडीशन लगा है वह पूरी सीलनयुक्त है। ऐसे में दीवारों पर करंट आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
एक करोड़ रुपए का प्रावधान
दरअसल, झांसी महानगर को कैसे स्मार्ट बनाया जाए और कैसे महानगरवासियों की जीवनशैली में स्मार्टनेस का समावेश किया जाए। इस कार्य का जिम्मा स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सौंपा गया था। साथ ही एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था। इसके सापेक्ष स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने लगभग 940 करोड़ रुपए खर्च करके झांसी में तमाम बिल्डिंग व अन्य कार्य कराए। साथ ही महानगर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए तमाम कार्य किए। बावजूद इसके वह अपने कार्यालय को स्वच्छ और स्मार्ट नहीं बना सका।