'झांसी में देश का पहला कृषि विवि, जहां मोबाइल हेल्थ क्लीनिक वाहन', किसान मेले में बोले मंत्री सूर्य प्रताप शाही

Jhansi News: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोलर पम्प योजना का जिक्र किया। बोले, 'झांसी जिले को 1140 सोलर पम्प देने हैं। बुंदेलखण्ड के किसान सोलर पम्प तकनीक अपनाकर कृषि में लागत कम कर सकते हैं।'

Report :  B.K Kushwaha
Update:2024-02-08 19:07 IST

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Social Media)

Farmers Fair in Jhansi: उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने कहा कि, 'रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विवि देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है जहां मोबाइल हेल्थ क्लीनिक वाहन उपलब्ध है। इसका लाभ किसानों की कृषक समस्याएं खेत पर ही हल हो जाती हैं। इसमें सहयोग उत्तर प्रदेश सरकार का है।

कृषि मंत्री ने आगे कहा, उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम योजनाएं किसानों के लिए चलाई जा रही हैं। आपलोग इसका लाभ उठाएं।' ये बातें सूर्य प्रताप शाही ने रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर कही।

बुंदेलखंड औद्यौगिक पार्क, अन्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने जा रहा

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोलर पम्प योजना का जिक्र किया। बोले, झांसी जिले को 1140 सोलर पम्प देने हैं। बुंदेलखण्ड के किसान सोलर पम्प तकनीक अपनाकर कृषि में लागत कम कर सकते हैं। यहां पर बुंदेलखण्ड औद्यौगिक पार्क, अन्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी बनने जा रहा है। किसान समय से अधिक बुवाई कर लाभ उठाएं। बुंदेलखण्ड तिलहन एवं दलहन के लिए जाना जाता है किसान इसे अपनाकर आय बढ़ाएं। इसी के साथ सब्जी, फल, फूल एवं अन्य लाभकारी फसल लगाएं।'

150 किसानों को 300 मधुमक्खी के बक्से वितरित किए

सूर्य प्रताप शाही ने झांसी कृषि विवि और 27 एफपीओ के बीच हुए एमओयू का बटन दबाकर शुभारम्भ किया। साथ ही श्री लक्ष्मी मधु का भी विमोचन किया। राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना, उत्तर प्रदेश द्वारा वित्त पोषित मधुमक्खी परियोजना के अंतर्गत झाँसी एवं ललितपुर जिले के 150 किसानों को 300 मधुमक्खी के बक्से वितरित किए गए। इसमें परागकण एवं शहद के उत्पाद भी शामिल हैं। प्रक्षेत्र मधुमक्खी पालन वाटिका को भी किसानों के मध्य प्रदर्शनी हेतु प्रदर्शित किया गया।

बुंदेलखण्ड अब किसानी क्षेत्र में आगे बढ़ा हैः रवि शर्मा

विधायक सदर झाँसी रवि शर्मा ने इस मेले का प्रमाण देते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड अब किसानी क्षेत्र में आगे बढ़ा हैं। प्रधानमंत्री के प्रयासों से यह कृषि विवि स्थापित हो पाया है। वह किसानों के लिए लगातार अथक प्रयास कर रहे हैं। इस मेले एवं कुलपति के कार्यों की प्रशंसा की।


'दलहन, तिलहन,नीबू वर्गीय फसलों की असीम संभावनाएं'

कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि बुंदेलखण्ड में दलहन, तिलहन, नीबू वर्गीय फसलों की असीम संभावनाएं हैं। प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण को ध्यान में रखते हुए पुनर्जीवी कृषि, एकीकृत बागवानी तथा शुष्क मौसम में भी कृषि की नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। घटते जल स्तर की समस्या के साथ-साथ दलहन तिलहन, मछली पालन, श्री अन्न जैसे विषयों पर बुंदेलखण्ड को आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि इस मेले में भा.कृ.अनु.परि. के 25 संस्थानों सहित देश भर के कृषि संस्थानों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

पौध नर्सरी सुविधा का भी विमोचन किया गया

सभी दलहनों एवं तिलहनों बीजों के अलावा सभी कृषि फसलों की प्रदर्शनी (सीड वॉल) का भी उद्घाटन किया जिसमें 250 से अधिक किस्मों के उन्नतशील बीजों की प्रदर्शनी लगाई। उन्होंने मेले परिसर में लगी प्रथम स्टॉल सतत् विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि सहित कुछ स्टॉल का निरीक्षण कर मेले की प्रशंसा की।

किसानों को विभिन्न जानकारी दी गई

इसकी अध्यक्षता डॉ शांतनु कुमार दुबे अटारी कानपुर ने की। द्वितीय सत्र में पशुपालन पशु रोग एवं उनके निदान तथा मछली पालन पर डॉक्टर बीके बड़ा डॉक्टर प्रमोद सोनी आदि पशु चिकित्सा वैज्ञानिको ने विभिन्न जानकारी किसानों को दी। इसकी अध्यक्षता डॉ वीपी सिंह ने की।

मंत्री ने किया स्टॉलों का भ्रमण

मेले में प्रमुख आकर्षण सतत् विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि का स्टाल रहा। रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का बीज बिक्री केंद्र, उद्यानिकी एवं वानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य, कृषि महाविद्यालय, बैद्यनाथ, बलिनी मिल्क, दयाल फर्टिलाइजर्स, काटेरवा एग्री साइंस, बांदा कृषि विश्वविद्यालय, आइसीआइसीआइ बैंक, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर, चंबल फर्टिलाइजर्स, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, सरदार वल्लभभाई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ, विभिन्न ट्रैक्टर, रॉयल एनफील्ड नाबार्ड, बीज विक्री केंद्र, आशा सेल्स दिल्ली, ध्यान शिविर, मेडिकल यूनिट, बरसाना एग्रोटेक, पराग दूध, इफको, पशु स्वास्थ्य विभाग, मत्स्य विभाग उत्तर प्रदेश कृषि विभाग झॉंसी धनुका एग्रीटेक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के बरेली नैनीताल, लखनऊ, मुंबई, प्रयागराज, हैदराबाद के भी स्टॉल का भ्रमण किसान एवं कृषि मंत्री सहित सभी ने किया।

यह लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर निदेशक कृषि जितेन्द्र कुमार तोमर, महानिदेशक उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद् डॉ. संजय सिंह, बीएईआरसी प्रमोद चैधरी, कृषि विवि ग्वालियर डॉ. अरविंद शुक्ला, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट, अभय महाजन, मुख्य विकास अधिकारी झाँसी जुनैद अहमद, विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, वैज्ञानिक, शिक्षक, विभिन्न जनप्रतिनिधि, किसान, स्कूल के बच्चे, एनसीसी विद्यार्थी उपस्थित रहे। संचालन डॉ आर्तिका सिंह एवं डॉ आशुतोष शर्मा ने संयुक्त रूप से किया एवं सभी का आभार प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ एसएस सिंह ने व्यक्त किया।

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