जुडीशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित आपराधिक केस की सुनवाई पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्सा वाराणसी की जमीन पर अवैध कब्जा व धोखाधड़ी मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है और देवरिया निवासी भू स्वामी राजेंद्र मिश्र को नोटिस जारी के 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।

Update: 2018-03-12 14:12 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्सा वाराणसी की जमीन पर अवैध कब्जा व धोखाधड़ी मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है और देवरिया निवासी भू स्वामी राजेंद्र मिश्र को नोटिस जारी के 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह ने बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर की विधवा सरोज सिंह की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता जितेंद्र सरीन का कहना है कि याची ने जमीन का बैनामा कराया और दाखिल खारिज करा लिया है। वह जमीन पर कब्जे में है। राजेंद्र मिश्र ने 25 फरवरी 2016 को एफ.आई. आर. दर्ज कराई जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी जन्सा में पैतृक जमीन को ज्ञान दत्त त्रिपाठी को खेती के लिए दी गयी थी। याची ने बिना तथ्यों का पता लगाए उस जमीन का एक हिस्सा खरीद कर धोखाधड़ी की है।

उन्होंने अपनी जमीन नहीं बेची है। याची का कहना है कि उसने जमीन का बैनामा कराया है। इसकी जानकारी होने के बावजूद 3 साल बाद एफ.आई.आर. करायी गयी। जमीन कुछ अन्य लोगों ने भी खरीदी है। सभी ने मूल्य का भुगतान किया है। दर्ज एफ.आई.आर. सुनियोजित है जिसे रद्द किया जाय। कोर्ट ने मामले को विचारणीय माना और विपक्षी से जवाब मांगा है। सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी।

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