Kannauj News: जिंदा गायों को खा रहे कुत्ते, गोवंशों की दुर्दशा देख कांप जाएगी रूह

Kannauj News: गौशाला में गोवंशों के कंकाल और मृतक गोवंश के शव मिट्टी में दबे और बोरियों से ढ़के हुये नजर आये। लाचार हालत में पहुंच चुकी गायों को कुत्ते अपना निवाला बना रहे हैं।

Update: 2024-07-15 10:24 GMT

बीमार गायों को खा रहे कुत्ते। (Pic: newstrack)

Kannauj News: मामला कन्नौज जिला मुख्यालय से जुड़ा मेंहदी घाट/महादेवी घाट के निकट स्थित गोशालाओं का है। यहां का नजारा हिलाकर रख देने वाला था। जिंदा गोवंशों को कुत्ते खा रहे हैं, कहीं गोवंश की हड्डियां और कंकाल नजर आ रहे हैं तो कहीं गंगा नदी के जल में गोवंश जिंदा पड़े थे। सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव अपने समर्थकों के साथ गंगा घाट पहुंचे थे। यहां उनको गांव के कुछ लोगों ने गोशाला का हाल बताया तो वह मौके पर पहुंच गये। माजरा देखने और नजारा समझने के बाद सपा नेता और उनके साथ मौजूद समर्थक द्रवित होने के साथ ही आक्रोशित नजर आ रहे थे।

बीमार गायों को खा रहे कुत्ते

गोशाला में पहुंचे तो देखा कि यहां कुछ जगह शराब के पाउच पड़े हुये नजर आये। एक जिम्मेदार ग्रामीण नशे में मिला। कुछ और आगे बढ़े तो गोवंशों के कंकाल और मृतक गोवंश के शव मिट्टी में दबे और बोरियों से ढ़के हुये नजर आये। कुछ और जानने और देखने का प्रयास किया गया तो गंगा जी के पानी में पड़े गोवंश नजर आये। फिर नजर पड़ी आवारा कुत्तों पर तो पता चला कि दौड़ भाग रहे कुत्ते लाचार हालत में पहुंच चुकी गायों और गोवंश को जिंदा हालत में ही अपना निवाला बना रहे थे। भूख प्यास से तड़प रहे गोवंश की दुर्दशा से मानों कलेजा भर आया हो।


गोवंशों की हालत दयनीय

गांव के ग्रामीणों से लेकर बच्चों और कूच साधु संतों से बात की गई तो पता चला कि यहां बड़ी संख्या में गोवंश मौजूद थे। अब ना के बराबर हैं। बच्चे बताते हैं कि बहुत से गोवंश मर चुके हैं। गायों को खाने का चारा तक नसीब नहीं होता तो वह दम तोड देती हैं। बीमारी की हालत में देखरेख ना होने से भी कई गायों की मृत्यु हो चुकी है। एक गाय को तो मरणासन्न हालत में गांव पहुंचे जनप्रतिनिधि ने अपने साथियों के साथ खुद गंगा जी के पानी से बाहर निकाला। आखिर मुंह से यही निकाला, हे राम, गायों और गोवंश की ऐसी दुर्दशा, इससे तो अच्छा होता कि इन गायों और गोवंश को खुला ही चरने के लिये छोड़ दिया जाता।  गायों और गोवंशो की सुरक्षा का दावा करने वाले जिम्मेदार कहां हैं, सरकार के ढेरों दावों का क्या हुआ जो गो संरक्षण के तमाम दावे करने से नहीं चूकती। लाखों करोड़ों का बजट कहां है। सवाल तो कई हैं पर जवाब देगा कौन? 

ब्लॉक प्रमुख ने जताया दुख

पूर्व ब्लॉक प्रमुख कहते हैं कि ह्रदय विदारक नजारों को देखने के बाद कुछ कहने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। गोशाला के संरक्षक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की बात कह रहे हैं। जिले के अधिकारियों से लेकर गोसंरक्षण के हिमायती और जनप्रतिनिधि उपरोक्त मामले पर जवाबदेह हैं, और जवाब देना भी होगा। ना जाने कितनी गाय और गोवंश की हत्या और मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा। वहीं प्रदेश सरकार को भी मामले में जांच और सख्त कार्यवाही अमल में लानी ही होगी।

सपा नेता ने दी प्रतिक्रिया

सपा नेता बताते हैं कि उपरोक्त ह्रदय विदारक मामले में चुप नहीं बैठा जायेगा,अधिकारियों से जबाब तो मांगा जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्यवाही की मांग भी की जाएगी। आखिर में बोले, इससे अच्छा तो सरकार और जिम्मेदार अगर रक्षा ना कर सकें, तो अकाल मौत से बेहतर है कि गायों और गोवंश को चरने के लिये ही आजाद कर दें। कम से कम दिल और दिमाक को हिलाने वाला ऐसा सच जो दिखाई दिया वो किसी के ह्रदय को द्रवित न करे।  

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