Kannauj News: इस वजह से सत्याग्रह करने वाले थे पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर, प्रशासन ने थमाई नोटिस
Kannauj News: पूर्व बीजेपी सांसद पर कार्यवाही को लेकर अल्टीमेटम देने के बाद रविवार को धरने पर बैठने वाले थे पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर। मगर पुलिस ने जिले में घुसने से रोक दिया।
Kannauj News: पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर, उनकी पत्नी नूतन ठाकुर सहित मौजूद कई लोगों को कन्नौज में सत्याग्रह शुरू करने से पहले ही कन्नौज जिला प्रशासन ने जिले की सीमा पर रोक दिया। उपरोक्त सभी लोग जिले के पूर्व बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक पर लगे आरोपों पर कार्यवाही ना होने पर सत्याग्रह करने जा रहे थे।
इस वजह से करना चाहते हैं सत्याग्रह
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के मुताबिक उन्होंने 2 जून 2023 को घटी घटना के बारे में बताया कि पूर्व सांसद ने उस दिन कन्नौज मंडी समिति में घुसकर पुलिस वालों को पीटा था। इसके अलावा चौकी इंचार्ज को जूतों से मारने की धमकी दी। फरवरी 2024 में हिंदू देवता को गली दी गई थी। इन आरोपों को लेकर प्रदेश सरकार से कार्यवाही की मांग की गई थी, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद एक बार फिर पूर्व आईपीएस द्वारा पूर्व सांसद पर कार्यवाही को लेकर बीती 16 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की गई थी। कन्नौज जिला प्रशासन को भी अल्टीमेटम दिया गया था, कि अगर समय रहते पूर्व सांसद पर कार्यवाही नहीं होती है तो वह अपनी पत्नी सहित सेना के साथ कन्नौज मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू करेंगे।
प्रशासन ने थमाई नोटिस
आज 28 जुलाई को प्रस्तावित सत्याग्रह को लेकर पूर्व आईपीएस जैसे ही अपनी पत्नी नूतन ठाकुर सहित अन्य शैलेंद्र अस्थाना, शहजाद अली, रणजीत सिंह के साथ जिले की सीमा पर पहुंचे। तभी सी.ओ सदर कमलेश कुमार ने बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल के साथ अमिताभ ठाकुर और उनके साथ मौजूद अन्य लोगों के जिले में आने पर रोक लगा दी। प्रशासन ने उपरोक्त लोगों को धारा 168 के तहत बीएनएस के तहत नोटिस थमा दिया।
इस वजह से रोका गया
प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि, जहां धरना प्रस्तावित है, वहां बाजार है, जिससे आम जनमानस की दिनचर्या और यातायात व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा असामाजिक प्रकृति के कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा पूर्व आईपीएस और उनके साथ मौजूद साथियों के माध्यम से संज्ञेय अपराध किये जाने की भी सूचना है, जिससे कानून व्यवस्था की अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
लड़ते रहेंगे न्याय की लड़ाई
इसलिए उपरोक्त लोगों को जिले में आने से रोक जाने का आदेश है, इस कारण नोटिस भी दिया गया है। जिला प्रशासन के उपरोक्त रुख और कार्यवाही को लेकर पूर्व आईपीएस का कहना था, कि उनकी न्याय के लिये लड़ी जा रही लड़ाई थमेगी नहीं। उपरोक्त मामले में कार्यवाही करवाकर ही शांत बैठा जा सकेगा। इसके अलावा अमिताभ ठाकुर ने दिये गये नोटिस और जिला प्रशासन की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक आदेश बताया।
पूर्व सासंद ने आरोपों को बताया निराधार
इसके उपरांत पूर्व आईपीएस का काफिला जिले की सीमा से वापस लौट गया। उपरोक्त संधर्व में पूर्व बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक का कहना था कि, उनके ऊपर लगाये गये आरोप निराधार हैं। उन्होंने किसी से भी मारपीट नहीं की है। इसकी जांच भी की जा चुकी है। उनके खिलाफ षडयंत्र रचकर कुछ लोग सुर्खियों में रहने को यह सब कर रहे हैं।