Kannauj Rape Case: नवाब सिंह के भाई नीलू यादव के साथ हुआ खेल, जमानतदारों ने वापस ली जमानत‚ फिर गए जेल

Kannauj Rape Case: कन्नौज रेप केस इसलिए भी चर्चा में रहा है क्योंकि इसका मुख्य आरोपी नवाब सिंह है। उसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है और वह डिंपल यादव का प्रतिनिधि भी रह चुका है।

Update:2024-10-03 20:59 IST

Kannauj News (Pic- Newstrack)

Kannauj Rape case: नवाब सिंह यादव दुष्कर्म मामले में सह आरोपी छोटे भाई नीलू यादव ने एक बार फिर जिला न्यायालय में गुपचुप तरीके से पेश होकर पुलिस को झटका दे दिया, क्योंकि पुलिस लगातार नीलू यादव को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी, वहीं नीलू यादव ने खुद ही पोक्सो कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। जिसके बाद इस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को कोर्ट में होगी।

आपको बता दें कि कन्नौज जिले में नाबालिग से हुए बहुचर्चित दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी नवाब सिंह यादव के छोटे भाई नीलू यादव ने पुलिस से आंख-मिचौली खेलते हुए गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। नीलू यादव पर गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद पुलिस नीलू यादव की तलाश में जुटी थी, और उसकी तलाश में लगातार दबिश भी दे रही थी।

नीलू यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर 

इस बीच, गुरुवार की सुबह नीलू यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। नवाब सिंह यादव दुष्कर्म मामले में सह आरोपी नीलू यादव के गुरुवार की सुबह पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर करने के बाद एक बार फिर पुलिस नीलू यादव की गिरफ्तारी को लेकर माथापच्ची कर रही है। हालांकि नीलू यादव के कोर्ट में पेश होने के बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कमलेश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि नवाब सिंह मामले में आज एक आरोपी वीरपाल उर्फ ​​नीलू यादव के जमानतदारों ने कोर्ट में अपनी जमानत वापस ले ली। जिसके चलते आरोपी नीलू कोर्ट में पेश हुआ। वहां से उसे कोर्ट ने जेल भेज दिया है, इस मामले में आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।

शासकीय अधिवक्ता पॉक्सो एक्ट कोर्ट नवीन चंद्र दुबे ने बताया कि दरअसल नीलू यादव जिन मुकदमों में वांछित था, उनमें 27 तारीख को रिहा हुआ था। उसके बाद आज उसने सुबह पॉक्सो एक्ट कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके जमानतियों की तरफ से यह भी प्रार्थना पत्र दिया गया कि वह नीलू यादव के जमानती नहीं बनना चाहते हैं और आरोपी को साथ लेकर आए हैं, इसलिए हमें हिरासत में लेकर जमानत दायित्वों से मुक्त कर दिया जाए, इसलिए कोर्ट ने उनकी प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया। नीलू यादव के मामले में जिन जमानतियों ने पॉक्सो एक्ट में जमानत ली थी, उन्हें उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है और उन्हें दोबारा हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। यह प्रक्रिया है कि अगर कोई जमानती किसी का जमानती नहीं बनना चाहता है, तो आरोपी को कोर्ट आना पड़ता है और अगर उसके स्थान पर दूसरा जमानती कोर्ट को नहीं दिया जाता है, तो जमानत के अनुसार अगर जमानती दाखिल नहीं होते हैं, तो उसे जेल भेज दिया जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर अभियुक्त को साथ लाया जाता है और उसने एप्लीकेशन दी है कि हम उसके बेलर नहीं बनना चाहते हैं तो कोर्ट को यह अधिकार है कि वह उसे कस्टडी में ले सकती है. अब इस मामले में मेरी कोर्ट में 15 तारीख लगी है. चूंकि पहले चार्ज फ्रेम करने के लिए 30 तारीख लगी थी. लेकिन उस मामले में बीमारी के आधार पर माफी की अर्जी लगाई गई थी तो कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया था और चार्ज फ्रेम करने के लिए 15 तारीख लगी है. अब 15 तारीख को चार्ज फ्रेम होगा. उनको आखिरी मौका मिला था. रेप केस के संबंध में हमारी पोक्सो कोर्ट में केस चल रहा है, चार्ज फ्रेम करने के लिए 15 तारीख लगी है, पिछली बार भी उनको आखिरी मौका दिया गया था, नीलू यादव की माफी की अर्जी पर 15 तारीख को चार्ज फ्रेम करने की कार्यवाही होगी. मेरी कोर्ट में पोक्सो एक्ट के तहत यह उनका एकमात्र केस है.

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