Kannauj News: भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर वकीलों ने किया प्रदर्शन, जानें क्या है पूरा मामला
Kannauj News: कन्नौज की तहसील तिर्वा में अधिवक्ता तहसील परिसर में प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुये नजर आये। एसडीएम पर भी वकीलों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये।
Kannauj News: कन्नौज में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर तिर्वा तहसील के अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। अनियनमित्ताओं के आरोप लगाकर वकीलों ने एसडीएम के खिलाफ भी नारेबाजी की। गुरुवार को कन्नौज जिले की तहसील तिर्वा के अधिवक्ता तहसील परिसर में प्रदर्शन करते हुये नारेबाजी करते हुये नजर आये। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह और पूर्व अध्यक्ष सुधीर यादव के नेतृत्व में वकीलों का हुजूम तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुये एसडीएम न्यायालय के बाहर पहुंचा और जमकर नारेबाजी की।
भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन
अधिवक्ता संघ के उपरोक्त पदाधिकारियों का आरोप था कि तहसील मुख्यालय पर वकीलों के साथ ही किसानों के कार्य भी समय पर नहीं हो पा रहे हैं। तहसील के प्रत्येक पटल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वकीलों ने कहा कि उपरोक्त संधर्व में कई बार एसडीएम से भी शिकायत की गई, लेकिन इसके बाद भी समस्या में कोई सुधार नहीं हुआ। बिना सुविधा शुल्क दिये कोई भी काम नहीं करने का आरोप भी अधिवक्ताओं ने तहसील अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाये।
वकीलों का कहना था कि भूलेख में आदेशों का अंकन नहीं हो रहा है। दफा 151 में एसडीएम को दो लाख रुपए की जमानत चाहिये, अगर किसी कारण वश जमानत अपूर्ण रह जाती है तो युवक को जेल भेज दिया जाता है।पदाधिकारियों का आरोप था कि, एसडीएम के रवैये से किसान और वकील परेशान हैं। मेडबंदी की फाइलों में समय से आदेश नहीं हो रहे हैं। तहसील में न्यायालय से जो आदेश होते हैं, वह भी समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
पीड़ितों को समय से न्याय दिलाया जाए
तहसील में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर करीब आधा घंटे वकीलों का प्रदर्शन जारी रहा। वकीलों ने मांग की कि समय रहते ब्याप्त अनियमिताओं के दूर किया जाय और पीड़ितों को समय से न्याय दिया जाय। अन्यथा की स्थित में अधिवक्ता संघ बड़ा आंदोलन जल्द ही छेड़ने को बाध्य होगा। प्रदर्शन में परमानंद तिवारी, राजेश श्रीवास्तव, देवेंद्र भदौरिया, कमलेश पाल, सुरेंद्र यादव, अमरेश यादव आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
उपरोक्त संधर्व में एसडीएम का कहना था, कि किसी भी अनर्गल कार्य को नहीं किया जायेगा। आरोप बेबुनियाद हैं। फिर भी अगर कोई अनियमितता है भी तो सख्त कार्यवाही की जायेगी।