Kannauj News: प्रिंसिपल ने क्लास रूम को बनाया स्विमिंग पूल, खुशी-खुशी स्कूल आ रहे बच्चे

Kannauj News: स्कूल के प्रधानाचार्य वैभव सिंह राजपूत का कहना है कि स्कूल में विकास कार्यों के लिए बड़ी मुश्किलों को उन्होंने सामना किया। स्थानीय लोगो और विभाग से उनको कोई मदद नही मिली‚ उन्होंने अपनी निजी पूंजी से स्कूल को चमकाने का काम किया है।

Update:2024-04-30 08:56 IST

स्विमिंग पूल का आनंद लेते स्कूली बच्चे (Pic: Newstrack)

Kannauj News: सरकारी विद्यालय में पहले बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावक जबरदस्ती स्कूल भेजते थे‚ क्योंकि बच्चे स्कूल जाने पर रोते थे और स्कूल नही जाते थे। लेकिन समय के साथ तस्वीर बदली और आज के सरकारी स्कूलों का वातावरण देख बच्चे यह कहने लगे हैं कि अब स्कूल जाना है। जी हां ऐसे ही हम एक स्कूल की बात कर रहे है‚ जिसमें स्कूल की व्यवस्थाओं के साथ बच्चों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई के साथ–साथ उनके शारीरिक‚ मानसिक विकास के साथ उनके मनोरंजन का भी पूरा फोकस किया जा रहा है। बच्चों के लिए विद्यालय में कृत्रिम स्विमिंग पूल भी बनाया गया है‚ जिससे बच्चों को गर्मी से निजात मिल सके। यह स्विमिंग पूल बच्चों को लुभा रहा है‚ जिससे बच्चे अब अपना घर भूलकर स्कूल में स्विमिंग पूल का भरपूर मजा ले रहे हैं। बच्चे खूब मस्ती करते हुए एक दूसरे के ऊपर पानी भी फेंक कर खुशी महसूस करते हैं।

बच्चों को आकर्षित कर रहा स्विमिंग पूल

कन्नौज जिले के उमर्दा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय महसौनापुर के प्रधानाचार्य ने भीषण गर्मी से परेशान बच्चों को राहत देने के लिए एक क्लास रूम को कृत्रिम स्विमिंग पूल बना दिया। जिससे अब बच्चे स्कूल में आकर जमकर खूब मजा ले रहे है। बच्चों की इस खुशी से स्कूल का पूरा स्टाफ खुश है‚ प्रधानाचार्य के साथ–साथ स्कूल के सभी शिक्षक– शिक्षिका भी प्रधानाचार्य की इस पहल में पूरा सहयोग कर रहे है। बीते कुछ दिनों बच्चों की संख्या भी विद्यालय में कम होने लगी थी। जिससे स्कूल की व्यवस्थाओं को सुधारना शुरू किया और नये–नये आयाम तैयार किये गये‚ जिसमें बच्चों की पढ़ाई के साथ–साथ उनके मनोरंजन के साधन भी तैयार किये गये। जिसमें बच्चों को नहाने और मस्ती करने के लिए एक स्विमिंग पूल को भी बनाया गया है‚ जिससे बच्चों की संख्या भी बढ़ रहा है।


गर्मी के मौसम को देखते हुए की गई यह पहल

स्कूल के प्रधानाचार्य वैभव सिंह राजपूत का कहना है कि स्कूल में विकास कार्यों के लिए बड़ी मुश्किलों को उन्होंने सामना किया। स्थानीय लोगो और विभाग से उनको कोई मदद नही मिली‚ उन्होंने अपनी निजी पूंजी से स्कूल को चमकाने का काम किया है‚ जिससे स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ सके‚ इस दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को स्विमिंग पूल ना के बराबर देखने को मिलता था। ऐसे में शिक्षक ने बच्चों की डिमांड और भीषण गर्मी से बच्चों को थोड़ी सी राहत देने के लिए एक क्लास रूम में कृत्रिम स्विमिंग पूल बना दिया, इसके पीछे शिक्षक का एक बहुत बड़ा उद्देश्य भी रहा बीते कुछ दिनों से ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय होने के चलते बच्चे नहीं आ रहे थे जिसके पीछे कारण जांचा परखा गया तो पता चला कि गेहूं की कटाई चल रही है जिस कारण बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं।


वहीं, बच्चों को आकर्षित करने के लिए विद्यालय के टीचर ने यह योजना बनाई और विद्यालय में सप्ताह में एक बार कुछ नई एक्टिविटी करने के तहत यह स्विमिंग पूल का काम कराया विद्यालय के प्रधानाचार्य वैभव राजपूत 2013 से इस विद्यालय में तैनात हैं। वैभव राजपूत ने अपने ही पैसों से विद्यालय में बहुत सारी चीज ऐसी की है जिनकी सराहना समय समय पर होती रही है। वहीं वैभव राजपूत बताते हैं कि बच्चों की डिमांड थी और गर्मी भी बहुत ज्यादा थी, जिसके चलते इस कृत्रिम स्विमिंग पूल एक क्लास रूम में बनाया गया। उन्होने कहा कि सप्ताह में एक दिन बच्चों की एक ऐसी एक्टिविटी कराएंगे जिसमें बच्चों को विद्यालय आने का और आकर्षण बढ़े, ताकि बच्चे विद्यालय आने में आनाकानी ना करें और उनके परिजन भी बच्चों को विद्यालय भेजें।

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