UP News: गंगा में डूबने से पांच की मौत, मिर्जापुर, कानपुर व आगरा में हुए हादसे
UP News: कानपुर में गंगा नहाने के दौरान चाचा भतीजे की डूबकर मौत हो गई। माँ विंध्यवासिनी का दर्शन करने आये एक परिवार के गंगा नदी में स्नान कर रहे भाई बहन की डूबने से मौत हो गई।
Kanpur/ Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के दो शहरों में आज गंगा नदी में नहाने गए चार लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कैंट के कोयला घाट पर रविवार सुबह गंगा नहाने के दौरान चाचा भतीजे की डूबकर मौत हो गई। दोनों सुबह टहलने की बात कहकर घर से निकले थे और गर्मी में गंगा नहाने कैंट के कोयला घाट पर पहुंच गए थे। वहीं दूसरी तरफ जौनपुर जिले के मछलीशहर के रहने वाले माँ विंध्यवासिनी का दर्शन करने आये एक परिवार के गंगा नदी में स्नान कर रहे भाई बहन की डूबने से मौत हो गई।
उधर आगरा में यमुना नदी में नहाने गए 6 दोस्त डूब गए। जिसमें 5 को बाहर निकाल लिया गया। एक युवक का सुराग नही लग सका है। गोताखोर कर रहे है तलाश । एक साथ नहा रहे थे सभी दोस्त । हाथ छूटने से एक दोस्त डूबा । बाह थाना क्षेत्र के चौरंगा गांव का मामला है। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों के शवों को बाहर निकाला। हादसे की जानकारी मिलते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया।
टहलने की बात कहकर घर से निकले थे
चकेरी के छबीलेपुरवा निवासी कैटरिंग का काम करने वाले नीरज पाल का बड़ा बेटा सुशांत (18) इंटरमीडिएट का छात्र था। परिवार में छोटा भाई आदित्य और मां सरिता है। दो दिन पूर्व भगाई बाबू पुरवा निवासी दूर के रिश्ते में लगने वाला चाचा पुलकित (21) छबीले पुरवा में अपने एक रिश्तेदार के यहां अखंड रामायण के चलते वहां शामिल होने आया था। रविवार सुबह दोनों घर से टहलने की बात कहकर घर से निकले थे। इस दौरान वह कोयला घाट पहुंचे यहां गर्मी के चलते दोनों गंगा में नहाने लगे, नहाते वक्त पैर फिसलने से दोनों गहराई में जाकर डूब गए।
काफी देर बाद भी जब दोनों घर नहीं पहुंचे तो परिजन खोजबीन करते हुए गंगा किनारे कोयला घाट पहुंचे। जहां घाट पर किनारे उनके कपड़े और मोबाइल देख कर परिजनों को उनके डूबने की आशंका हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद गंगा से बाहर निकलवाया और उन्हें केपीएम अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया
दोनों के शव देख परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इस दौरान पुलकित के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। वही सुशांत का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। कैंट इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने बताया कि गंगा में नहाते के दौरान गहराई में जाकर डूबने से दोनों युवकों की मौत हुई है इस दौरान एक के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया जबकि दूसरे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है
विंध्यवासिनी का दर्शन करने गए दो श्रद्धालुओं की गंगा नदी में डूबकर मौत
विन्ध्याचल में मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने मछलीशहर, जौनपुर से दिलीप तिवारी अपने परिजनों सहित आये थे । दर्शन के पूर्व परशुराम घाट पर सपरिवार गंगास्नान कर रहे थे, उसी समय उनका पुत्र ऋषि तिवारी 17 वर्ष व खुशी तिवारी 13 वर्ष गहरे पानी मे समा गए । उनको बचाने के चक्कर मे परिवार के अन्य सदस्य भी डूबने लगे । मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार कुल छह लोग डूबने लगे, मौजूद नाविकों ने चार लोगों को तुरन्त पानी के बाहर निकाल लिया । कुछ देर पश्चात ऋषि तिवारी को तथा लगभग एक घण्टे पश्चात खुशी तिवारी को पानी के बाहर नाविकों ने खोजकर निकाल लिया । स्थानीयों की मदद से बारी बारी से दोनों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य पहुँचाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।
एक महीने में उसी स्थान पर यह दूसरी घटना
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, विंध्याचल के प्रभारी चिकित्सक, एस के सिंह ने बताया कि विगत एक महीने में उसी स्थान पर यह दूसरी घटना घटी है, जहां जिलाप्रशासन इन घटनाओं को लेकर सवालों के घेरे में है, वहीं जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे है। वर्ष में मात्र दोनों नवरात्रों के दरम्यान कुल अट्ठारह दिनों के लिए ही शासन , प्रशासन की व्यवस्थाएं सिमट कर रह जाती है ।
प्रश्न है कि क्या अन्य दिनों विन्ध्य क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालु मानव श्रेणी में नही आते । प्रत्येक वर्ष लगभग दर्जनभर श्रद्धालुओं की मृत्यु गंगास्नान के समय डूबने से हो जाती है । घटना के समय सभी मौके पर पहुँचकर पीड़ितों से मिलकर शोक संवेदना भी व्यक्त करते है । भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए बढ़चढ़ कर बोल बचन प्रस्तुत कर सभी साहबान वापस चले जाते है ।
नाविक चंद्रिका ने शिकायत करते हुए कहा कि मौके पर घटनारोधी कोई उपाय नही होता और पुनः किसी अनहोनी की प्रतीक्षा में लोग बैठे रहते है । अरबों रुपये की लागत से जिनको लुभाने के लिए योजनाएं प्रगतिशील है, उन्ही श्रद्धालुओं के जीवनमूल्यों का कोई महत्व नही। स्थानीय नाविक ही किसी तरह कुछ श्रद्धालुओं की जान बचा पाते हैं
उधर, भाई-बहन की मौत से परिजनों का रो-रोकर परिजनों का बुरा हाल हो गया। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया ।