Kanpur Dehat: कानपुर देहात नगर पंचायत में विकास कोसों दूर, ग्रामीणों के साथ हो रहा खिलवाड़

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात नगर पंचायत में विकास के नाम पर ग्रामीणों के साथ खिलवाड़ हो रहा। ग्रामीणों ने खुलकर विरोध किया।

Report :  Manoj Singh
Update:2023-01-12 17:01 IST

कानपुर देहात नगर पंचायत में विकास कोसों दूर। 

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात नगर पंचायत में विकास के नाम पर ग्रामीणों के साथ खिलवाड़ हो रहा। ग्रामीणों ने खुलकर विरोध किया। लोगों ने बताया कि पानी के लिए लगे पाइप लाइन की टोटियां सफेद हाथी बनी हुई। ग्रामीणों ने कहा कि शिकायत के बावजूद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होती है।

बातों और कागजों तक सीमित रहा विकास

नगर पंचायत में जुड़े गांव में सिर्फ एक ही सफाई कर्मी सफाई करने आता है। खबर के अनुसार जहां एक और केंद्र सरकार व राज्य सरकार विकास के तमाम वादे कर रही है। विकास के लिए धन भी पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन धरातल पर देखें तो कहानी ठीक उसके विपरीत है। विकास की बातें और विकास कागजों तक ही सीमित रह जाता है। यह हम नहीं कह रहे हैं यह कहने वाले राजपुर नगर पंचायत के गांव पैलावर गांव के ग्रामीण।

गांव नगर पंचायत के विकास से कोसों दूर: ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है राजपुर नगर पंचायत का गठन हुए लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं। राजपुर नगर पंचायत में आबादी को पूरा करने के लिए कुछ गांव को भी जोड़ा गया है। ऐसा ही एक गांव पायला व तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि गांव नगर पंचायत के विकास से कोसों दूर है। गांव में पानी निकासी के लिए नालियां नहीं है लोगों के घरों के सामने नाली का बस बजाता गंदा पानी भरा है। जिनमें बीमारी फैलाने वाले कीटाणु पनपते हैं गांव में सफाई कर्मी यदा-कदा कभी कबार आ जाता है।

गांव में भागवत कथा का किया आयोजन

गांव में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, पंडाल के आसपास गंदगी आप साफ तौर से तस्वीरों में देख सकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें घर में पानी की टंकी की टोटी के द्वारा पानी नहीं मिल रहा है टोटियां तो लगा दी गई है सिर्फ दिखाने के लिए जो कि आप सफेद हाथी बनी हुई है। यहां तक की ग्रामीणों ने बताया कि इससे तो अच्छा उनका गांव में जब ग्राम प्रधानी थी तो गांव में विकास तो होता था। जब से उनका गांव नगर पंचायत में जुड़ा है तो उन्हें नगर पंचायत के द्वारा दी जाने वाली कोई भी विकास की सुविधा नहीं मिल रही है।

विकास की सुविधा से ग्रामीण आज भी वंचित है ग्रामीणों ने कहा कि विकास की हर चीज सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है। धरातल पर तो सुनी ही रहती गांव में कूड़ेदान तो रखे हैं लेकिन वह कूड़ेदान खुद कूड़े के ढेर में पड़े हैं। उनके अंदर तो कूड़े नहीं है वही गांव में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कभी कबार ईद के चांद की तरह ईद के चांद की तरह आ जाती है।

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