छात्रों की बनाई वेबसाइट के जरिए सुलभता से मिल रही है कोविड संसाधनों की जानकारी
सीडीओ की विशेष पहल से जिले के छात्रों द्वारा बनाई गई वेबसाइट वरदान साबित हो रही है।
कानपुर। कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच कोविड संसाधनों की जानकारी के अभाव में भटक रहे लोगों के लिए सीडीओ की विशेष पहल से जिले के छात्रों द्वारा बनाई गई वेबसाइट वरदान साबित हो रही है। जिले के कोविड कमांड सेंटर के साथ समन्वय से काम कर रहे छात्र लोगों की मदद भी कर रहे हैं।
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन और मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय की विशेष पहल से जनपद के कुछ छात्रों ने www.kanpurdehat.in वेबसाइट तैयार की थी। वेबसाइट में कोविड अस्पतालों में बेड उपलब्धता, ऑक्सीजन उपलब्धता, जाँच केन्द्र, वैक्सीनेशन सेंटर, टेलीमेडिसिन व जिले के हेल्पलाइन नम्बर, ग्राम पंचायत स्तर पर गठित निगरानी समितियों की सूची सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध हैं। साथ ही वेबसाइट में रक्त व प्लाज्मा के लिए हेल्पडेस्क मौजूद है। इसके माध्यम से रक्तदान और आवश्यकता पड़ने पर रक्त या प्लाज्मा के लिए अनुरोध भी डाला जा सकता है। इस वेबसाइट से जनपदवासियों को सहूलियत मिल रही है। उन्हें जानकारियां पाने के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है।
बताते चलें कि बीते दिनों मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने वेबसाइट बनाने वाले छात्रों के साथ जिले के कोविड कमांड सेंटर में बैठक का आयोजन किया था। सीडीओ ने छात्रों को वेबसाइट हेतु आवश्यक जानकारियाँ मुहैया कराई थीं। साथ ही उन्होंने वेबसाइट को और लाभकारी बनाने हेतु कुछ निर्देश भी दिए थे। छात्रों ने सीडीओ के मार्गदर्शन में वेबसाइट को अपडेट करते हुए उसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ और जोड़ी हैं।
सीडीओ सौम्या पाण्डेय ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना काल में इन छात्रों ने अपनी रचनात्मकता व इनोवेशन से जिले के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। छात्रों को वेबसाइट संचालन के लिए हर संभव मदद दी जाएगी तथा जिला प्रशासन द्वारा इस वेबसाइट का बैनर, कमांड सेंटर, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा।
छात्र आयुष त्रिवेदी ने कहा कि उन्हें पहले वेबसाइट हेतु जरूरी डाटा एकत्रित करने में बहुत समस्या आ रही थी। वेबसाइट हेतु सीडीओ द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा व मार्गदर्शन का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अब वेबसाइट का संचालन भी बेहतर हो पा रहा है और कमांड सेंटर के साथ समन्वय से वेबसाइट के माध्यम से अनुरोध डालने वाले लोगों की मदद भी हो रही है।