Bara Devi Temple Kanpur: 12 बहनों के नाम से प्रसिद्ध है बारादेवी मंदिर भक्तों की हर मुराद होती है पुरी

Bara Devi Temple Kanpur: बारह देवी मंदिर 12 बहनों के नाम से प्रसिद्ध है। पुजारी ने बताया कि पिता से अनबन के बाद 12 बहने घर से भाग कर किदवई नगर स्थित स्थान पर आ गई थी।

Report :  Anup Pandey
Update:2024-10-01 21:03 IST

Bara Devi Temple Kanpur: कानपुर शहर के बीचों बीच बारादेवी मंदिर बना हुआ है। जहां पुरे साल भक्तों की भीड़ बनी रहती है। साल में पड़ने वाली दो नवरात्रों में यहां लाखों की तादाद में भीड़ दर्शन करने आती है। इस मंदिर का इतिहास करीब 1700 साल पुराना कहा जाता है। मंदिर स्थल के आस पास हजारों की संख्या में दुकानें लगती है। और नवरात्र के समय काफी पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहता है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर को होने जा रही है। 11 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ नवरात्रि समाप्त हो जायेगी। वहीं दुर्गा पंडालों में रखी जाने वाली मां की मूर्ति को दशमी के दिन विसर्जन के साथ शाम को रावन दहन किया जाएगा।

12 बहनों के नाम से प्रसिद्ध है ये मंदिर

बारह देवी मंदिर 12 बहनों के नाम से प्रसिद्ध है। पुजारी ने बताया कि पिता से अनबन के बाद 12 बहने घर से भाग कर किदवई नगर स्थित स्थान पर आ गई थी। और मूर्ति बन जाने पर स्थापित हो गई। और बारह देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गई। बताया जाता है कि इन बहनों के श्राप से इनके पिता भी पत्थर हो गए थे। यह मंदिर साउथ के मंदिरों में एक प्राचीनतम मंदिर माना जाता है। और इस मंदिर से कानपुर के अलावा आस पास के जिले के भक्तों की भी आस्था मंदिर से जुडी हुई है।

नवरात्र में आती है लाखों की भीड़

पुजारी ने बताया कि यहां नवरात्र के पहले ही दिन से हजारों की भीड़ दर्शन करने आती है। और अपनी मन्नत के लिए दरबार में चुनरी बांध देते है।और मन्नत पुरी होने के बाद चुनरी को खोल देते है। वहीं कुछ भक्तों की मुरादे पुरी होने पर अपने घर से दंडवत कर मंदिर प्रांगण तक आते है। नवरात्र के बाद भी यहां भक्त आते रहते है। नवरात्र के प्रथम दिन आरती सुबह चार बजे होती है। और आरती के बाद भक्तों को दर्शन करने दिया जाता है।

प्रशासन रहता है पुरी तरह मुस्तैद

नवरात्र के समय प्रशासन पुरी तरह मुस्तैद रहता है। मन्दिर के अंदर से लेकर बाहर परिसर तक सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाते है। और भारी पुलिस बल के साथ महिला पुलिस मौजूद रहती है। महिला और पुरुषों की अलग अलग लाइन होती है। जहां दोनों लाइनों को एक एक कर दर्शन कराएं जाते है।मंदिर परिसर के बाहर भी पुलिस बल लगा रहता है। और साथ में सिविल पुलिस लगी रहती है।

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