Kanpur News: भाजपा ने जिसको पकड़ा उसको छोड़ा नहीं, आज एक कमिश्नर विधायक तो एक आंदोलनकारी का बेटा बना विधायक

Kanpur News: कानपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा महापुरुषों का अपमान सपा करती है। बोलती कुछ है और करती कुछ है । भीमराव के नाम पर तिर्वा मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया गया था।

Report :  Anup Pandey
Update:2023-10-28 19:15 IST

CM Yogi Adityanath Speech in Kanpur 

Kanpur News: बाल्मीकि जयंती के अवसर पर कानपुर शहर के किदवई नगर स्थित राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में एक अनूसूचित वर्ग सम्मेलन कार्यक्रम रखा गया। जहां उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंच बाल्मीकि जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।

पिछली सरकारों पर दहाड़े

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा महापुरुषों का अपमान सपा करती है। बोलती कुछ है और करती कुछ है । भीमराव के नाम पर तिर्वा मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया गया था। नाम ही नहीं बदला सपाई वहां रखे शिलापट्ट तक लूट ले गए थे। कानपुर कभी देश का उभरता हुआ नगर था। देश के 3 बड़े आर्थिक संपन्न शहर के रूप में जाना जाता था। पिछली सरकारों ने उसे तहस नहस कर दिया। आज हमारी सरकार में यहां पर मेट्रो का सफल संचालन हो रहा है। कानपुर डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का हब भी बन रहा है। सरकार यहां पहले ही साल में 38 हजार करोड़ के नए कार्यक्रम लेकर चल रही है। कानपुर बुंदेलखंड को उसका वैभव दिलाने के लिए कार्य हो रहा है

जिसको पकड़ा मेरी पार्टी ने छोड़ा नहीं

डेढ़ साल पहले राहुल बच्चा सोनकर ऐसे ही घूमता था। आज वो विधायक है। जिसका पिता राम मन्दिर आंदोलन में शहीद हो गया था। वहीं कानपुर में असीम अरुण पुलिस कमिश्नर थे।आज वो मंत्री हैं। हम किसी का हाथ पकड़ते हैं तो छोड़ते नहीं हैं। स्वप्निल वरुण आज जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। जिनकी मां पार्टी में रह चुकीं है। जिनका कुछ वर्ष पहले देहांत हो चुका था।

मंच पर बोले असीम अरुण बोले- पिछली सरकारों ने सिर्फ शोषण किया अनुसूचित वर्ग में कई जातियां हैं जो समाज से अलग थलग हैं। उनको भाजपा ने उनका हक दिलाया। सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, पिछली सरकारों में सिर्फ शोषण किया गया।

CM योगी- रामायण पाठ से घबराती थी पिछली सरकार 

कानपुर शहर स्थित एक अनुसूचित वर्ग सम्मेलन में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'आज पावन पर्व है। वाल्मीकि जयंती पर अनुसूचित कार्यक्रम के माध्यम से आप लोगों से संवाद का सीधा अवसर प्राप्त हो रहा है। आज एक ओर वाल्मीकि जयंती है तो दूसरी ओर देव मंदिरो में अखंड रामायण का पाठ हो रहा है। उन्होंने पूछा, वाल्मीकि जयंती पर रामायण का पाठ होता था क्या? पिछली सरकारें घबराती थी'।

'वोट बैंक खिसकने के डर से नहीं किया महिमामंडन'

उन्होंने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा, उन्हें लगता था महर्षि वाल्मीकि, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, संत रविदास को महिमा मंडित करेंगे तो उनका वोट बैंक कहीं खिसक न जाए। इसके भय से इन महापुरुषों की जयंती ही नहीं मनाते थे। उनके नाम पर कोई कार्यक्रम तक नहीं होता था। इन महापुरुषों के नाम से पहले बने स्मारक और भवन को हटाने का काम पिछली सरकारों ने किया। 

समाज को जाति के नाम पर तोड़ने का होता रहा काम 

सीएम योगी ने किया, 'डबल इंजन की सरकार में और मोदी जी के नेतृत्व में बाबा साहब अम्बेडकर से जुड़े पंच तीर्थ स्थल विकास कार्य बढ़ाने का कार्य हो रहा है। भगवान राम के चरित्र को दुनिया के सामने लाने का श्रेय यदि एक ऋषि किसी को जाता है, तो वो हैं महर्षि वाल्मीकि। पिछली सरकारें आपको, समाज को, जाति के नाम पर अलग करती थी। क्षेत्र के आधार पर अलग करती थी। आज डबल इंजन की सरकार 'सबका साथ सबका विकास' का काम कर रही है। आपके साथ खड़ी है।'

501 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी 

बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को कानपुर शहर में एक अनुसूचित वर्ग सम्मेलन में पहुंचे थे। कानपुर शहरवासियों को उन्होंने 501 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी। यहां स्वामी विवेकानंद योजना के तहत मोबाइल और टेबलेट का वितरण किया गया। तीन बच्चियों को अन्नप्राशन, तीन लोगों मुख्यमंत्री आवास योजना, तीन बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को धनराशि, तीन लोगों को ओ डी ओ पी के तहत लाखों की धनराशि, तीन लोगों को ओ डी ओ पी टूलकिट योजना, तीन लोगों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान किया गया।

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा, पिछली सरकार में अनुसूचित वर्ग के साथ जमकर शोषण किया गया। जब चुनाव आता है तब उन्हें अनुसूचित वर्ग याद आता है।विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा,भाजपा गरीब कल्याण की बात करती है। अन्य पार्टियों ने दलित वर्ग को सिर्फ वोट बैंक समझा जाता है। उनकी संख्या सिर्फ इसलिए बताई जाती है कि उनका वोट लेना है। कानपुर की धरती धन्य हैं। जहां महर्षि वाल्मीकि का आश्रम भी है।

कानपुर में सम्मेलन स्थल पर संत महर्षि वाल्मीकि, भगवान गौतम बुद्ध, संत रविदास, संत गाडगे, भीमराव अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, रमाबाई अंबेडकर, सावित्री बाई फुले, वीरांगना उदा देवी, झलकारी बाई, नारायण गुरु जी सहित अनेकों महापुरुषों के कट आउट सम्मेलन स्थल पर लगाए गए हैं।

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