Kanpur News: पेशकार को घूस में पकड़वाना परिवार को पड़ा भारी, पुलिस ने मां बेटे को भेजा जेल

Kanpur News: एसीपी के पेशकार को गिरफ्तार कराने वाले दिव्यांग की मां व छोटे भाई को पुलिस ने हत्या के प्रयास के मुकदमे में जेल भेज दिया।

Report :  Anup Pandey
Update:2024-09-25 10:14 IST

Kanpur News (Pic: Social Media)

Kanpur News: कानपुर शहर के किदवई नगर थाने का एक मामला ऐसा सामने आया जहां एक परिवार के मुकदमे की प्रगति के लिए मांगी गई घूस पर पीड़ित परिवार ने बाबूपुरवा एसीपी के पेशकार को गिरफ्तार करवा दिया था। वहीं बाबूपुरवा एसीपी के पेशकार को गिरफ्तार कराने वाले दिव्यांग की मां व छोटे भाई को पुलिस ने हत्या के प्रयास के मुकदमे में जेल भेज दिया। पीड़ित ने पुलिस पर खुन्नस में साजिश रचने का आरोप लगाया। पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की।

65 वर्षीय मां को भेज दिया जेल

जूही लाल कॉलोनी निवासी दिव्यांग रिंकू पासवान ने बीते दिनों किदवई नगर थाने में मोना कश्यप, श्रीबल, राजा कश्यप और समीर के खिलाफ 15 जुलाई 2024 को एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच तत्कालीन एसीपी बाबूपुरवा अमरनाथ यादव के पेशकार हेड कांस्टेबल शहनवाज खान कर रहे थे। हेड कांस्टेबल ने मुकदमे की जांच एक पक्ष में करने के लिए 25 हजार की घूस मांगी थी। पीड़ित के पास पैसा कम होने पर 15 हजार में सौदा तय हुआ था।

पीड़ित ने एंटी करप्शन टीम से की थी शिकायत

जिस पर पीड़ित ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी। टीम ने छापेमारी कर हेड कांस्टेबल शहनवाज को घूस लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। बिना जूते चप्पल ऐसे ही पेशकार को कॉलर पकड़ बीच बाजार से घुमाते हुए ले गए थे। इस मामले की बाद एसीपी बाबूपुरवा को क्राइम ब्रांच स्थानांतरित कर दिया था। कुछ ही दिन बीते है कि पीड़ित पक्ष पर मुकदमा लिख दिव्यांग की मां और छोटे भाई को जेल भेज दिया।

पुलिस कमिश्नर से की शिकायत

रिंकू ने पुलिस कमिश्नर से मामले की शिकायत करते हुए बताया कि किदवई नगर पुलिस ने खुन्नस में आकर आरोपी पक्ष से मिल बहन आशा, पड़ोसी राजेश, राहुल, छोटे भाई मोनू व मां रामजानकी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर 65 साल की मां और छोटे भाई को जेल भेज दिया। रिंकू का कहना है कि मेरे और परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले खुद मेरी मां के साथ मारपीट करते हुए वीडियो में कैद हुए हैं। एक वीडियो और सीसीटीवी भी दिखाया है। मारपीट के सारे साक्ष्य होने के बाद भी पुलिस ने मेरी नहीं सुनी। दोनों पक्षों से मारपीट हुई तो एक पक्ष का मुकदमा क्यों लिखा गया है। 

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