कानपुर से कैसे तय किया ब्रिटेन तक का सफ़र? लेबर पार्टी सरकार के MP की पढ़िए कहानी

MP Navendu Mishra: आर्यनगर निवासी नवेंदु मिश्रा भी इसी पार्टी के टिकट पर दोबारा जीतकर सांसद बने हैं।

Written By :  Snigdha Singh
Update:2024-07-05 22:21 IST

Navendu Mishra: ब्रिटेन के आम चुनाव में इस बार भी कानपुर की धमक देखने को मिली है। भारी जीत हासिल करने वाली लेबर पार्टी की सफलता में कानपुर के लाल का भी योगदान रहा है। शहर के आर्यनगर निवासी नवेंदु मिश्रा भी इसी पार्टी के टिकट पर दोबारा जीतकर सांसद बने हैं। स्टॉकपोर्ट सीट से नवेंदु 15 हजार वोटों से विजयी घोषित किए गए।

आर्यनगर में है पुश्तैनी मकान

नवेंदु के पिता प्रभात रंजन मिश्रा आर्यनगर मोहल्ले के रहने वाले हैं। नवेंदु के बाबा अयोध्या नाथ मिश्रा (वैद्य जी) के नाम पर यहां उनका पुश्तैनी मकान है। उनके दो बेटे विधुशेखर मिश्रा और प्रभात रंजन कानपुर में ही पले-बढ़े। विधुशेखर का चयन रिजर्व बैंक में हुआ और वे यहां से प्रबंधक पद से रिटायर होने के बाद आर्यनगर में ही रहते हैं। प्रभात ने मुंबई में वर्ष 2002 तक जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में नौकरी की। इसके बाद इंग्लैंड में ब्रिटिश पेट्रोलियम में पैकेजिंग मैनेजर के पद पर ज्वाइन किया। मूलरूप से उन्नाव के बदरका के रहने वाले नवेंदु अपने पिता के साथ 1998-99 में ब्रिटेन चले गए थे, तब से उनका परिवार वहीं रहता है। प्रभात रंजन की तीन संतानों में से नवेंदु सबसे बड़े हैं। मां गोरखपुर की रहने वाली हैं। नवेंदु वर्ष 2019 में हुए चुनाव में भी लेबर पार्टी से सांसद बने थे।



चचेरे भाई बोले-सौभाग्य की बात

कानपुर में रहने वाले नवेंद्र के चचेरे भाई हिमांशु मिश्रा ने बताया कि भाई की जीत पर पूरे परिवार को खुशी है। नवेंदु समय-समय पर यहां आकर परिवार का हालचाल लेते रहते हैं। हिमांशु ने बताया कि हम सभी बहुत खुश हैं कि नवेंदु ब्रिटेन में फिर सांसद बने हैं, हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है।

ट्रेड यूनियन से राजनीति में इंट्री

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नवेंदु मिश्रा ने स्टॉकपोर्ट में शॉप फ्लोर ट्रेड यूनियनिस्ट के तौर पर काम किया। इसके बाद वह यूनिसन ट्रेड यूनियन के आयोजक बन गए और इसी के साथ उनकी राजनीति में इंट्री हो गई। पहली बार 2019 में लेबर पार्टी ने उन पर दांव लगाया और नवेंदु ने इसमें कामयाबी हासिल की। इस बार फिर पार्टी ने उन पर भरोसा जताया। नवेंदु की बेटी मिताली और छोटा बेटा दिग्वेंदु हैं। सभी ब्रिटेन में ही रहते हैं।

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