Kanpur: खजाने की लालच में अराजकतत्वों ने पातालेश्वर मंदिर का खोद दिया गर्भगृह, इलाके का माहौल तनावपूर्ण
Pataleshwar Mahadev Temple: ग्रामीणों का यह भी मानना है कि प्राचीन समय में जब किसी मंदिर का निर्माण कराया जाता था।तो उसके आसपास खजाना छिपाया जाता था। इसी लालच में कुछ लोगों ने टीले में सुरंग और उसके अंदर एक और सुरंग बनाई गई थी।
Kanpur News: कानपुर शहर से कुछ दूर घाटमपुर क्षेत्र में खजाने के लालच में अराजक तत्वों ने मंदिर का गर्भगृह खोद दिया। खुदाई के बाद अराजक तत्व वहां से भाग गए। यह पूरा मामला घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र का है। सुबह मंदिर पर जब भक्त पूजन करने पहुंचे तो मंदिर के भीतर खुदाई देख भौचक्के रह गए। सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
कहां का है मामला?
फरीदपुर गांव अंतर्गत खजाने के लालच में अराजक तत्वों ने शिव मंदिर के गर्भगृह में रात भर खुदाई की। खुदाई के बाद भाग गए। जब सुबह पूजा करने गए भक्तों ने मंदिर का ये हाल देखा तो आस पास के ग्रामीणों के साथ पुलिस को सूचना दी। घाटमपुर पुलिस समेत एसीपी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से घटना की जानकारी जुटाई और कार्यवाही के आदेश दिए।
मंदिर में खुदाई से माहौल तनावपूर्ण
ग्रामीणों ने बताया कि, फरीदपुर गांव में बने प्राचीन पातालेश्वर महादेव मंदिर (Pataleshwar Mahadev Temple) में खजाने के लालच में रात भर मंदिर के गर्भगृह में खुदाई की। मंदिर के गर्भ गृह को लगभग 6 फुट गहरा खोद डाला गया है। हालांकि, खुदाई के दौरान भी वहां शिवलिंग और नंदी की प्रतिमा सुरक्षित रही। वहीं मंदिर में खुदाई कर छोड़ गए। मंदिर में खुदाई से माहौल तनावपूर्ण दिखा। मन्दिर में खुदाई से पूरे गांव में चर्चा जोरों पर है। घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह (ACP Ranjit Kumar Singh) को ग्रामीणों ने बताया कि, धन के लालच में मंदिर के गर्भगृह को अराजक तत्वों ने रात में खोद डाला। जिसके बाद मिला हुआ खजाना लेकर भाग गए।
घाटमपुर में पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटना
आपको बता दें, घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित नगेलिनपुर गांव रिंद नदी से कुछ ही दूरी पर बसा हुआ है। नदी किनारे एक प्राचीन शिव मंदिर है। यह शिव मंदिर मिट्टी के टीले के ऊपर बना है। उसके बगल से रिंद नदी बहती है। शिव मंदिर के दर्शन के लिए ग्रामीण आते रहते हैं। गांव के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि मंदिर के टीले में बड़ा खजाना छिपा है। जिसकी चर्चा गांव में आए दिन होती रहती है। इसी लालच में किसी ने प्राचीन मंदिर के टीले की खोदाई की थी। इसी तरह से कुछ वर्ष पहले हिरनी मोड़ के पास एक कुएं के टीले को खोदा गया था।
ग्रामीणों का यह भी मानना है कि प्राचीन समय में जब किसी मंदिर का निर्माण कराया जाता था।तो उसके आसपास खजाना छिपाया जाता था। इसी लालच में कुछ लोगों ने टीले में सुरंग और उसके अंदर एक और सुरंग बनाई गई थी। और खजाने के लालच में यह कार्य किया था।