Kanpur News: आतिशबाजी के बाद शहर में बढ़ा प्रदूषण का प्रकोप, रात 10 बजे के बाद AQI हुआ खतरनाक

Kanpur News: सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक रात 10 बजे के बाद पटाखों के जलने के बाद से AQI अपने खतरनाक स्तर तक पहुंचना शुरू हो गया था।

Report :  Anup Pandey
Update: 2023-11-13 06:34 GMT

Kanpur News (Photo: Social Media)

Kanpur News: दीपावली में देर रात पटाखों के जलने के बाद कानपुर की हवा ने आम जनमानस की सेहत बिगाड़ दी है। पूजन के बाद लोग पटाखे जलाए जाने लगे। जिसमें सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक रात 10 बजे के बाद पटाखों के जलने के बाद से AQI अपने खतरनाक स्तर तक पहुंचना शुरू हो गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवाली में पटाखा पर रोक लगाई गई थी। लेकीन उसके बाद से शहर में आतिशबाजी के बाद पूरा सिटी प्रदूषण से ग्रसित हो गया।

500 से ऊपर AQI

पटाखों की गूंज आसमान पर गूंजती रही। वहीं कुछ ऐसे पटाखे रहे जिसमें प्रदूषण ज्यादा रहा, जिससे रात 2 बजे पॉल्यूशन का स्तर सबसे ज्यादा रहा। नेहरू नगर में लगे पॉल्यूशन सेंसर 500 के ऊपर पॉल्यूशन के स्तर को रिकॉर्ड भी नहीं कर सके। वहीं रात से लेकर सोमवार की सुबह भी प्रदूषित रही, जो सांस लेने के लिए भी सही नहीं है।


प्रदूषण की छाई मोटी चादर

आतिशबाजी के बाद हवा में स्मॉग की मोटी चादर छा गई। वहीं हवा में डस्ट पार्टिकल, कार्बन मोनो ऑक्साइड व कार्बनिक एसिड जैसी जहरीली गैसें फैलने से लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन महसूस होने लगी। जहां पॉश इलाके में लोग घर के अंदर दिखे। वहीं दो दिन की आतिशबाजी से पूरा शहर प्रदूषित हो गया है।पेड़-पौधों के जलने व जल स्रोत के दूषित होने से जलीय जीवों के मरने की आशंका भी रहती है। इनसे ओजोन परत को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है। लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हो सकती हैं। वहीं कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती हैं।


यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, तापमान में गिरावट के साथ ही हवा भी ठंडी होकर वायुमंडल के सबसे निचले स्तर में ही रह जाती है। हवा में मौजूद सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 और 10), डस्ट पार्टिकल और जहरीली गैसें भी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में नहीं जा पाती हैं।

ये लोग रखें ध्यान

प्रदूषण से बचने के लिए घर के अंदर रहे। और घर के बाहर निकले तो मास्क का प्रयोग करें। वहीं सांस की बीमारी वाले लोग अपना विशेष ध्यान रखें। और बड़े बुजुर्ग अपना ध्यान दे। और धूल धुंए से दूर रहे।

इस प्रकार बढ़ता गया प्रदूषण

12 नवंबर

रात 10 बजे- 280

रात 11 बजे - 301

रात 12 बजे - 326

रात 2 बजे - 500 प्लस

दिवाली के पटाखों से जहरीली हुई गोरखपुर की हवा

गोरखपुर: सीएम सिटी गोरखपुर की हवा दिवाली में पटाखों के बारूद के चलते जहरीली हो गई है। एक दिन के अंदर ही हवा में पांच गुना प्रदूषण बढ़ गया है। तमाम लोग सांस के रोगी हो गए हैं। लोग चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। अस्थमा के मरीजों की स्थिति अधिक खराब है। कईयों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

शनिवार को हल्की बारिश के चलते रविवार की सुबह प्रदूषण में कुछ सुधार हुआ था। तक न्यूनतम एक्यूआई 62 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। पर 3 करोड़ से अधिक कीमत के पटाखों के बारुद से रविवार रात से ही हवा खराब हो गई। तमाम सांस के रोगियों को दिक्कत हुई। सोमवार को सुबह 8:00 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई), 288 पहुंच गया। यह इस महीने अब तक का सर्वाधिक एक्यूआई में से एक है। मौसम विज्ञानी डॉ.मनीष का कहना है कि प्रदूषण फैलने के मुख्य वजह धूल के बाहरी कणों की हवा में मौजूदगी है। 10 माइक्रोन और 2.5 माइक्रोन से छोटे धूल के बारीक काणों की संख्या में रातों रात में जबरदस्त इजाफा हुआ है। सोमवार की सुबह सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम-2.5) और (पीएम-10 ) की हवा में मात्र 500 माइक्रोग्राम से अधिक रही। यह मानक से 20 गुना है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.बीएन अग्रवाल ने बताया कि प्रदूषण के कारण लोगों को सुबह सोमवार को सांस लेने में तकलीफ हुई। खास तौर से अस्थमा के मरीजों को दिक्कत अधिक हुई। मॉर्निंग वॉक करने वाले अनिल कुमार जायसवाल का कहना है कि रोज की अपेक्षा सुबह पार्क में भी सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। लोगों को पटाखों से रुपये की बर्बादी के साथ हवा खराब होने की बात को समझनी होगी।

3 करोड़ से अधिक का पटाखा बिका

गोरखपुर में हर बार की तुलना में दोगुना पटाखा बिका। लोगों ने महंगे पटाखे के बाद भी जमकर खरीदारी की। अनुमान है कि 48 घंटे में 3 करोड़ से अधिक कीमत का पटाखा बिका। पटाखा की दुकान लगाने वाले शानू चतुर्वेदी ने बताया कि लोगों ने दिवाली के साथ ही छठ को लेकर भी पटाखों की खरीदारी की।

संगम नगरी में दीवाली के बाद आबो हवा हुई ख़राब

प्रयागराज: एक तरफ़ जहां दिल्ली एनसीआर में स्मॉग के चलते लोग परेशान है, तो दूसरी तरफ दिवाली के बाद प्रयागराज की हवा भी लोगों को परेशान कर रही है। दिवाली के दूसरे दिन स्मॉग ने जिले को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। संगम नगरी प्रयागराज को सुबह से ही धुएं और धुंध ने चारो तरफ से घेरे रखा। हालाकि अब लोगो को इस बात की चिंता है की कही दिल्ली एनसीआर जैसे हालात यहाँ भी न हो जाये। स्थानीय लोगो को अब सांस लेने में तकलीफ भी होने लगी है।

दिवाली के दूसरे दिन प्रयागराज जिले वासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली एनसीआर के बाद अब प्रयागराज की भी आबो हवा खराब हो रही है पूरा शहर एक अजीब सी धुंध से घिर गया है ,हर तरफ धूल और धुएं का गुबार छा गया है लोग भी इस तरह की धुंध को देखकर हैरान है। लोगो ने अचानक हुए इस स्मोग से आखो में जलन साँस लेने में परेशानी जैसी भी शिकायत की है। धीरे धीरे अब प्रयागराज की हवा भी ज़हरीली होने लगी है, प्रयागराज की हवाओ से लोगो मे दिक्कतें होना शुरू हो गयी है। स्थानीय निवासी रंजीव निषाद और दीपक कुमार जो पेशे से शिक्षक है उनका कहना है कि अगर वो मुंह को ढक कर न चले तो जल्द ही हिरदय रोग के रोगी बन जाये, बढ़ते पॉल्युशन में सबसे ज़्यादा दिक्कतें बच्चो या फिर बुजुर्गों को हो रही है। दिवाली के दूसरे दिन पटाखे से फैले धुएं ने वातावरण को प्रदूषित तो किया ही है साथ ही साथ धुंध में भी तब्दील किया है। 

गौरतलब है कि बीते कई वर्षों से दिवाली के दौरान लोगों को सांस लेने में दिक्कत होनी शुरू हुई है ,ऐसे में इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि हृदय से जुड़ी समस्या ना हो इसके लिए डॉक्टर के बताएं निर्देशों का पालन करना ही होगा।

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