Kanpur News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के 88वां स्थापना दिवस पर बोली मंत्री साध्वी- संस्थान चीनी उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में निभाएगा बड़ी भूमिका

Kanpur News: राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि "मुझे विश्वास है कि संस्थान भारतीय चीनी उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में और बड़ी भूमिका निभाएगा।

Report :  Anup Pandey
Update:2023-10-04 18:45 IST

Kanpur News (Pic:Newstrack)

Kanpur News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर ने बुधवार को अपना 88वां स्थापना दिवस मनाया। मुख्य अतिथि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि "मुझे विश्वास है कि संस्थान भारतीय चीनी उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में और बड़ी भूमिका निभाएगा। किसानों को उनके प्रयासों और "ऊर्जादाता" के रूप में उनके योगदान के लिए भी बधाई दी। हम भविष्य में अपनी चीनी और इथेनॉल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गन्ने की प्रति हेक्टेयर अधिक उपज प्राप्त करना चाहते हैं। उन्होंने छात्रों से स्टार्ट अप स्थापित करने, अभिनव उत्पादों को विकसित करने और दूसरों को रोजगार देने के लिए उदार सरकारी नीतियों का लाभ उठाने का आह्वान किया।

स्मार्ट कक्षाओं को भी किया जाएगा अपग्रेड

निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब हमारी वैश्विक उपस्थिति है। इसलिए आधारभूत सुविधाओं को लगातार उन्नत करने की आवश्यकता है। हमने बेहतर आवासीय सुविधाओं के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त 120 कमरों के एक आधुनिक छात्रावास और 250 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले भोजन कक्ष का प्रस्ताव दिया है। मौजूदा स्मार्ट कक्षाओं को भी अपग्रेड किया जाना है।


स्टार्ट अप स्थापित करने पर दिया जोर

शर्करा अभियात्रिकी के सहायक आचार्य संजय चौहान ने 1936 में अपनी स्थापना के बाद से संस्थान की यात्रा का विवरण दिया। जिसमें संस्थान के द्वारा न केवल अपने देश में बल्कि विभिन्न अन्य देशों में शर्करा उद्योग की वृद्धि और विकास में दिए गए योगदान के बारे में बताया। वहीं 30 देशों के छात्रों ने इस संस्थान में अध्ययन किया है।और अधिक से अधिक देश शिक्षण और प्रशिक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संस्थान की ओर देख रहे हैं।


साथ ही संस्थान के 06 पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया। जो अपने स्वयं के उद्यम स्थापित करते हुए "जॉब क्रिएटर्स" बन गए हैं। कृषि मशीनीकरण और गन्ने की नई किस्मों को अपनाने के के लिए मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 14 प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया।

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