Kanpur News: हमारा भारत देश विश्व गुरु बनने की कगार पर - पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद

Kanpur News: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम लोग मां गंगा की धरती से और हम लोगों को एक पहचान दिलाई है, यदि कोई संस्था 100 वर्षों तक निरंतर कार्य करती रहती है तो वह मजबूत आधार वाली संस्था बन जाती है।

Update:2023-06-25 22:39 IST
Ram Nath Kovind participated in Kanpur Textile Committee 100 year anniversary

Kanpur News: कपड़ा कमेटी के समारोह में आए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बोले अपना भारत देश विश्व गुरु बनने की कगार पर खड़ा है,
कानपुर कपड़ा कमेटी के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने आए देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कपड़ा कमेटी के पूर्व और वर्तमान सदस्यों को बधाई दी,कानपुर मेरी जन्मभूमि रही है और यहां से शिक्षा प्राप्त करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है,ये सब देख मुझे अपनापन लगता है, राजनैतिक जीवन कानपुर से चालू हुआ,एक छोटे से गांव परौख से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाने में जो प्यार और क्रांतिकारियों का आशीर्वाद कानपुर से मिला,इसका मैं हमेशा आभारी रहूंगा।

हम सबकी पहचान मां गंगा ने दिलाई

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम लोग मां गंगा की धरती से और हम लोगों को एक पहचान दिलाई है, यदि कोई संस्था 100 वर्षों तक निरंतर कार्य करती रहती है तो वह मजबूत आधार वाली संस्था बन जाती है। इसी संस्था से आज सैकड़ों पदाधिकारी भी बने है,और राजनीति में आए है।

कानपुर का कपड़ा ब्रिटेन की महारानी को था पसंद

अंग्रेजों के समय में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को कानपुर की तौलियां बहुत पसंद थी। कानपुर के कपड़े की देश-विदेश तक में धमक थी, यह दुख जरूर होगा कि कानपुर की कपड़ा मिल बंद हो चुकी है,इसका कष्ट हम सब के दिल में जरूर है, कानपुर की बंद मिलो और सुंदरीकरण को लेकर यहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मैंने चर्चा की है, जल्द ही इस पर कुछ करने के लिए निवेदन भी किया है, मैं इसकी मॉनिटरिंग खुद करूंगा।

कानपुर का है बड़ा नाम शिक्षा में

यहां पर अनेक विश्वविद्यालय हैं। पिछले 5 वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान जब मैं देश विदेश गया तो वहां पर कानपुर विश्वविद्यालय और कानपुर से पढ़ें तमाम साइंटिस्ट और इंजीनियर मुझे मिले, मुझे लगा कि अब कानपुर की शिक्षा का दुनिया के हर कोने में नाम है।

भारत ने अपनी सामर्थ्य को कोरोना में दिखाया

किसी ने अपनों को खोया तो किसी ने अपने नजदीकियों को खो दिया,कोरोना काल में जो स्थिति थी उसे कोई भूल नहीं सकता है। ऐसे में लोगों ने कहा कि बाहर से वैक्सीन खरीद कर लोगों के लगाई जाए, मगर भारत ने अपने सामर्थ्य को पहचाना और 2 महीने के अंदर वैक्सीन तैयार कर ली,एक साल के अंदर 200 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के साथ पड़ोसी देशों को भी मुफ्त में दी।

मेडिकल स्टूडेंट को यूक्रेन से निकाला

जब रूस और रसिया का युद्ध चल रहा था तब यूक्रेन में 23000 स्टूडेंट भारत के फंस गए थे,दोनों देशों के प्रधानमंत्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और सभी को सकुशल अपने देश बुला लिया, जबकि अमेरिका और चाइना जैसे देशों ने अपने देश के स्टूडेंट से कह दिया था कि अपने हिसाब से स्टूडेंट वापसी करें। किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री अपने देश के प्रधानमंत्री को बॉस बोल रहे हैं।

कानपुर आईआईटी की करी तारीफ

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल और सच्चिदानंद त्रिपाठी ने मिलकर क्लाउड सिटिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश कराई है,वास्तव में यह खोज बहुत ही लाभकारी साबित होगी, मैंने दोनों प्रोफेसरों को बुलाकर सम्मानित भी किया है और उन्हें कुछ जिम्मेदारियां सौंपी है, मुझे उम्मीद है कि इस जिम्मेदारी को यह दोनों लोग जल्द पूरा करेंगे।

भारत के हर कोने में पहुंचाया कपड़ा

वहीं कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि इस सफर में जो कपड़ा कमेटी ने मेहनत की वह काफी सराहनीय है,जेके समूह ने कानपुर में ही नहीं बल्कि कानपुर का पूरे विश्व में नाम किया है, जेके समूह के डॉ. निधिपथ सिंघानिया ने कहा कि कानपुर कमेटी ने आज मुझे यहां बुलाया है यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है,1921 में जुग्गीलाल कमलापति सिंघानिया मिल की स्थापना हुई थी,कपड़ा कमेटी ने जो सम्मान सिंघानिया परिवार को दिया है उसका मैं आभारी रहूंगा, और इस कार्यक्रम में आए हुए सभी लोगों को धन्यवाद किया।

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