Kanpur News: भिखारी को RPF ने पिलाया पानी, अंग्रेजी में बोला थैंक्यू तो खुला राज

Kanpur News: आरपीएफ के एक अफसर की समझदारी से अपहरण लूट के बाद लापता हुए युवक को उसके घर पहुंचा दिया।

Report :  Anup Pandey
Update: 2024-04-29 05:54 GMT

आरपीएफ अफसर लापता हुए युवक को उसके घर पहुंचाया   (फोटो: सोशल मीडिया )

Kanpur News: भीषण गर्मी को देख आरपीएफ प्रशासन स्टेशन पर लगातार गस्त करता दिख रहा है। कि कहीं कोई पानी हवा के कारण बीमार न हो जाएं। जहां आज आरपीएफ को स्टेशन पर एक व्यक्ति दिखा जो मानसिक रूप से बीमार और पागल सा दिख रहा था। उस व्यक्ति की बड़ी बड़ी दाढ़ी और गंदे से कपड़े थेऔर शरीर गंदा सा लग रहा था। जहां आरपीएफ के एक अफसर ने युवक से पानी पीने को बोला तो युवक ने अफसर के पानी पिलाने के बाद अंग्रेजी में थैंक्यू सर बोल दिया। थैंक्यू सुन अफसर का माथा ठनका और जांच पड़ताल की तो मामला कुछ और निकला। आरपीएफ के एक अफसर की समझदारी से अपहरण लूट के बाद लापता हुए युवक को उसके घर पहुंचा दिया।

एरिया गस्त कर रहे थे आरपीएफ के जवान

कानपुर आरपीएफ स्टेशन पर तैनात दरोगा असलम खान, आरती कुमारी और एएसआई हरिशंकर त्रिपाठी स्टेशन पर गश्त कर रहे थे। गस्त के दौरान कैंट साइड सर्कुलेटिंग एरिया में गेट नंबर-2 के पास एक व्यक्ति जिसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और फटे पुराने कपड़े पहने हुए था। तपती दोपहर में युवक का गला सूख गया था और पानी पानी कह रहा था। जिस पर दरोगा असलम खान ने उसे पानी पिलाया। पानी पिलाने के बाद आरपीएफ जवान चलने लगें तो युवक ने कहा थैंक्यू सर…। इस पर आरपीएफ दरोगा असलम लौट कर पूछताछ करने लगे। जिस पर वह कुछ संदिग्ध लगा। फिर युवक अंग्रेज़ी में बात करने लगा तो युवक ने बताया कि वह 2 साल पहले दिनांक 26 जून 2022 को रविवार के दिन अपने घर से एटीएम से पैसे निकालने के लिए निकला था।सभी एटीएम बंद थे। फिर वह अपने दोस्त महेंद्र की बैंक शाखा से आधार के जरिए कैश निकाला।

लौटते समय हुआ किडनैप

जब दोस्त के घर हरिचंदापुर से मेरा घर आठ किलोमीटर दूर था और घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। तभी एक चार पहिया वाहन उसके सामने आकर रुका। एक व्यक्ति ने उसके गले में हाथ डाल जकड़ लिया। और मुंह पर रूमाल रख दिया जहां मैं बेहोश हो गया था।होश आया तो वह एक बाथरूम में था।वहां पर दो व्यक्ति थे। जहां मेरे पास एटीएम और मोबाइल था। वह पहले ही छीन लिया था।एटीएम का पिन कोड पूछने के बाद उसे बंधक बनाकर रखा था। काफी मारते पीटते और नशीला इंजेक्शन देते थे। इससे उसका शरीर पूरी तरह सुस्त पड़ गया था।

कराते थे मजदूरी

गाड़ी से कंस्ट्रक्शन साइट पर अन्य व्यक्तियों के साथ ले जाते थे। और मजदुरी करा शाम को वापस लाकर कमरे में छोड़ देते थे। भाषा समझ में नहीं आती थी क्योंकि वह अन्य किसी जगह पर था।कुछ दिन पहले वहां से छिप छिपा कर भाग निकला और कई दिनों तक पैदल चलने के बाद वह एक छोटे से स्टेशन पर पहुंचा था। कई गाड़िया बदलकर दरभंगा पहुंचा।और वहां से आज ही कानपुर आया हूं। आरपीएफ ने जब इस बारे में उसके परिवार से संपर्क किया तो पूरी कहानी सच निकली। जिसके बाद उसे उसके परिवार के हवाले कर दिया गया।

भाई बोला बैठा रखो साहब हम आ रहें है

थाना विधूना निवासी 29 साल के महावीर सिंह के रूप में बताया। युवक के चचेरे भाई रवीन्द्र सिंह से संपर्क किया गया तो उसने बोला- साहब आप भी कैसी बात कर रहें है। वह जो गया आज तक नहीं आया, लेकिन अफसरों ने व्हाट्सएप पर फोटो और वीडियो कॉलिंग पर देखने के बाद परिजन आनन-फानन में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। दो साल से महावीर की तलाश में दर-दर भटकने के बाद शांत बैठ गए थे। हम लोगों की सब उम्मीदें टूट चुकी थी कि बेटा अब लौटकर वापस भी आएगा।

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