Kanpur: जिंदगी जीने के लिए है, काटने के लिए नहीं: आलोक पोरवाल

Kanpur News: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में छात्रों को सिनेमा जगत की गहनता और वास्तविकता को समझाने के लिए हुआ आयोजन। ‘राष्ट्रीय फलक पर क्षेत्रीय सिनेमा की हुई बात।

Report :  Anup Pandey
Update: 2024-02-23 13:56 GMT

सिनेमा जगत की गहनता और वास्तविकता को समझाने के लिए हुआ आयोजन (Pic: Newstrack)

Kanpur News: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में छात्रों को सिनेमा जगत की गहनता और वास्तविकता को समझाने के लिए शुक्रवार को दो सत्रों का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र कुमार पांडे ने मुख्य अतिथि आलोक कुमार को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट करके किया।

बॉलीवुड टॉक विषय पर छात्रों से वार्ता

प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता आलोक पोरवाल ने बॉलीवुड टॉक विषय पर छात्रों से वार्ता करते हुए कहा की प्रत्येक व्यक्ति के भीतर एक कलाकार हमेशा विद्यमान रहता है, और वो व्यक्ति अपने जीवन में दो किरदार निभाता है। जिसमें एक जो उसकी वास्तविकता होती है और दूसरा जिसकी वह भूमिका निभाता है। अपने जीवन के कुछ अहम हिस्सों का व्याख्यान करते हुए कहा की सिनेमा जगत में आप तभी सफल हो पायेंगे जब तक आप उसकी वास्तविकता को नही समझेंगे। सिनेमा जगत जितना बाहर से चकाचौंध नजर आता है भीतर से उतना ही अंधेरे में डूबा हुआ है।

राष्ट्रीय फलक पर क्षेत्रीय सिनेमा

द्वितीय सत्र में अजीत चौबे जी ने ‘राष्ट्रीय फलक पर क्षेत्रीय सिनेमा’ पर बात करते हुए कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा ही वह सिनेमा है जिसने बॉलीवुड को जन्म दिया है। और कहा कि जहां क्षेत्रीय सिनेमा हमारे संस्कृति को बढ़ावा देता है वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड सिनेमा में इसकी कमी है। क्षेत्रीय सिनेमा जो हमारे क्षेत्रीय कलाकारों को सिनेमा में उभरने का मौका देता है जबकि बॉलीवुड में अच्छे कलाकारों के बजाय भाई भतीजावाद को अधिक बढ़ावा दिया जाता है। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र कुमार पांडे, डॉ. जितेंद्र डबराल, मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा, ओमशंकर गुप्ता, सागर कनौजिया के साथ छात्र–छात्राएं मौजूद रहे।

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