Kanpur News: छोटे भाई ने बड़े भाई का अंतिम संस्कार करने से किया इनकार, पुलिस बनी मददगार

Kanpur News: परिवार और अपनों से बढ़कर कोई नहीं है। लेकिन ये सब इस युग में संभव नहीं देखा गया। जहां भाई संपत्ति के लिए भाई की हत्या कर दे रहा है।

Report :  Anup Pandey
Update: 2024-02-14 05:38 GMT

कानपुर में छोटे भाई ने बड़े भाई का अंतिम संस्कार करने से किया इनकार (सोषल मीडिया)

Kanpur News: परिवार और अपनों से बढ़कर कोई नहीं है। लेकिन ये सब इस युग में संभव नहीं देखा गया। जहां भाई संपत्ति के लिए भाई की हत्या कर दे रहा है। तो कोई बेटा संपत्ति के लिए अपने जीवित मां बाप को मृत घोषित दिखा, संपत्ति हड़प ले रहा है।लेकिन कोरोना ने दुनियां को बहुत कुछ सिखाया। जहां कोई शव को हाथ नहीं लगा रहा था। तो वहां पुलिस और समाजसेवियों ने शवों को कंधा देकर अन्तिम संस्कार करवाया। इस काल में लोग एक दुसरे की मदद करते नजर आए है। लेकिन इस काल से रिश्तों ने कुछ सीखा नहीं। ऐसा ही एक मामला काकादेव में देखने को मिला।

भाई ने मना कर दिया भाई के अन्तिम संस्कार के लिए

काकादेव थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की बीमारी से मौत हो गई। जहां पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कपड़ों में पड़े कागजों से एक छोटे भाई की जानकारी हुई। जहां पुलिस ने इस घटना की जानकारी पनकी निवासी छोटे भाई को दी। जहां पुलिस ने उसके अंतिम संस्कार और कागजी कार्यवाही के लिए उसको थाने बुलाया। जहां उसने थाने और अन्तिम संस्कार के लिए इन्कार कर दिया। फिर पुलिस स्वजन बन बुजुर्ग रिक्शा चालक का अंतिम संस्कार कराया।

मृतक था पनकी निवासी

पनकी निवासी 67 वर्षीय रामकुमार दीक्षित रिक्शा चलाते थे। रिक्शा चालकों ने बताया कि वह काफी समय बीमार भी चल रहे थे। दो वक्त की रोटी का जुगाड कर जीवनी चला रहे थे। कभी कभी आमदनी न होने के कारण भूखे ही सो जाते थे। और बीमारी में दवा भी नहीं ले पाते थे।देर शाम काकादेव माडल टाउन गेट के सामने मृत अवस्था में मिले। जहां आस पास के लोगों ने एक शव पड़े होने की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के कपड़ों की जेब में मिले कागजात के आधार पर पुलिस ने गंगागंज में रहने वाले उनके छोटे भाई कृष्णकुमार दीक्षित को जानकारी दी।

मेरा भाई से कोई वास्ता नहीं

छोटे भाई कृष्ण कुमार के पास पुलिस का फोन आते ही छोटे भाई ने कहा कि मेरा अपने भाई से कोई वास्ता नहीं है। और न ही कोई लेना देना है। वहीं जब पुलिस ने उसके अन्तिम संस्कार के लिए बोला तो वह बोला उसका अंतिम संस्कार हम नहीं करेंगे। पुलिस के समझाने के बाद भी छोटा भाई नहीं माना और एक कागज पर प्रार्थना पत्र लिख दिया कि मेरा बड़े भाई से कोई मतलब नहीं है। मैं उनका कोई पारिवारिक सदस्य नहीं हूं। रिक्शा चलाकर जीवन यापन करते थे। पुलिस द्वारा मृतक राम कुमार का अन्तिम संस्कार कर दिया जाएं। हमें कोई आपत्ति नहीं है।छोटे भाई की बात सुन पुलिस खुद परिवार बन गई। जहां पुलिस रामकुमार दीक्षित का परिवारीजन बन भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करवाया।

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