तेज रफ्तार डंपर ने छिनी कार सवार दो सगे भाइयों की जिंदगी
उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना बिठूर के अंतर्गत देर रात दोस्त की शादी में कार से जा रहे दो सगे भाई तेज रफ्तार डंपर की चपेट में आ गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना बिठूर के अंतर्गत देर रात दोस्त की शादी में कार से जा रहे दो सगे भाई तेज रफ्तार डंपर की चपेट में आ गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जेब में पड़े आईडी कार्ड से पहचान करते हुए परिजनों को सूचना दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
क्या है घटनाक्रम
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के थाना नजीराबाद के अंतर्गत अशोक नगर निवासी छितिज व देवेश देर शाम घर से बिठूर स्थित एक गेस्ट हाउस में दोस्त की शादी में जाने के लिए निकले थे अभी वह मंधना से बिठूर की तरफ चल ही रहे थे की रमेल नगर के पास सामने से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही दोनों भाइयों की मौत हो गई घटना की जानकारी राहगीरों ने पुलिस को दी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जेब में बड़ी आईडी के आधार पर मृतक युवकों के परिजनों को सूचना दी।
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क्या बोले कोतवाल
थाना बिठूर के कोतवाल ने बताया कि कार सवार युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है परिजनों को देर रात में ही जानकारी दे दी गई थी परिजन भी घटनास्थल पर आ गए थे युवकों की पहचान उनकी जेब में पड़ी आईडी से हुई थी दोनों ही युवक कानपुर के अशोक नगर के रहने वाले हैं।
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पिता ने कर दी दोनों बेटों की आंखें दान
आज सुबह पोस्टमार्टम हाउस में उस समय सबकी आंखें नम हो गई जब मृतक के पिता जितेंद्र ने पोस्टमार्टम से पहले मौके पर मौजूद डॉक्टर व पुलिस वालों से गुहार लगाई कि मेरे दोनों बेटे मुझे छोड़ कर चले गए हैं मैं चाहता हूं कि उनकी आंखें निकालकर ऐसे लोगों को लगा दी जाए जिससे कि उनके जीवन में रोशनी आ जाए पर मेरे दोनों बच्चे ना रहते हुए भी अपनी आंखों से दुनिया को देख सकें लहसुन मौके पर मौजूद सभी की आंखें नम हो गई एक पिता की बात को स्वीकारते हुए नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराते हुए मौके पर पहुंची डॉक्टर शालिनी मोहन व टीम ने मृतक देवेश और क्षितिज की आँखों को दान योग्य परिक्षण शुरू किया जिसमें डॉक्टर शालिनी मोहन ने मृतक देवेश की आँख का कार्निया सुरक्षित होने की बात कही और क्षितिज की आँख पूरी तरह से डेमेज होने की जानकारी दी।
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