Kasganj News: जल भराव की समस्या पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, बहिष्कार का निर्णय

Kasganj News: मंडी समिति के अंतर्गत आने वाला यह मार्ग गांव को बरेली मथुरा मार्ग से जोड़ता है। इस मार्ग पर पिछले करीब 06 वर्षों से जलभराव की समस्या है।

Report :  Ajay Chauhan
Update:2024-02-04 19:00 IST

Kasganj News (Pic:Newstrack)

Kasganj News: उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद के मोहनपुरा के समीप बसे रामपुर गांव में ग्रामीणों की समस्या करीब 6 वर्ष पुरानी है। मंडी समिति के अंतर्गत आने वाला यह मार्ग गांव को बरेली मथुरा मार्ग से जोड़ता है। इस मार्ग पर पिछले करीब 06 वर्षों से जलभराव की समस्या है। ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद रास्ते के कुछ हिस्से पर इंटरलॉकिंग बिछाने के बाद एक तरफ पानी निकलाने के लिए नाली का निर्माण कराया गया। 

जलभराव का दंश झेल रहे ग्रामीणों का गुस्सा फूटा

इसके बाद पानी इस जगह से आगे बढ़कर भरने लगा और कुछ ही दिनों बाद पूरे रास्ते पर तालाब जैसे हालात बन गए। रामपुर गांव में सरकारी राशन की भी दुकान है। जहां कांतौर, नगला डुकरिया, खुर्रमपुर और नारायनपुर गांव के लोगों के अलावा मध्याह्न भोजन योजना का राशन लेने विद्यालय के लोग आते हैं। अक्सर ये लोग इसी पानी में गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं, साथ ही उनका सामान भी खराब हो जाता है। इसके अलावा दर्जनों स्कूली बच्चे प्रतिदिन विद्यालय इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। मार्ग करीब 100 मीटर तक दो फुट जलमग्न है।  किसी भी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी का इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान नहीं है। इसी से अपेक्षित महसूस कर ग्रामीणों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और आगामी लोकसभा चुनाव में सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।

सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार का लिया निर्णय

रामपुर गांव की आबादी करीब दो हजार से अधिक है और यहां 814 वोटर हैं।  गांव निवासी रोशन सिंह पूर्व प्रधानाध्यापक का कहना है कि यदि इस बार हमारी समस्या का समाधान नहीं होता है तो गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी राजनैतिक दल को वोट नहीं करेगा। वहीं हरिओम वर्मा ने कहा कि लगातार हो रहे जलभराव से गांव में संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका है। कुछ माह पूर्व गांव की एक महिला की डेंगू से मृत्यु हो गई थी। लगातार जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से उपेक्षित ग्रामीणों की मांग है कि जलभराव की समस्या का शीघ्र ही निस्तारण किया जाए। 

मार्ग पर जलभराव का मुख्य कारण है पानी का निकास न होना। रास्ते के दोनों तरफ नाली नहीं बनाई गईं है और न ही आगे कोई तालाब है जिसमे पानी इकट्ठा हो सके। इसी कारण पूरे रामपुर गांव का पानी मार्ग पर ही जमा हो जाता है जिससे पूरा रास्ता तालाब में परिवर्तित हो जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या पर न तो किसी जनप्रतिनिधि ने और न ही किसी अधिकारी ने ध्यान दिया। जिस कारण पूरा गांव नरकीय जीवन जीने पर मजबूर है, ग्रामीणों को उपेक्षित किया गया है जिससे सभी लोग आहत हैं। इसलिए मजबूरी में सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार कर रहे हैं। अब हमारा एक ही नारा है 'विकास नहीं तो वोट नही।

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